मंगल वृषभ राशि में 13 नवंबर से वक्री अवस्था में करेंगे प्रवेश

 13 नवंबर को मंगल होंगे वृषभ राशि में वक्री तो करेंगे कुछ राशि के जातकों को मालामाल तो कुछ राशि के जातकों को कंगाल -;


नवग्रहों में मंगल देव एक प्रमुख ग्रह होते हैं। एस्ट्रोलॉजी में मंगल देव को सेनापति कहा गया है। मंगल देव मेष व वृश्चिक राशि के स्वामी होते हैं। जिनमें मेष राशि इनकी मूलत्रिकोण की राशि होती है। तथा ये कर्क राशि में नीच के और मकर राशि में उच्च के होते हैं। मंगल अग्नि तत्व प्रधान ग्रह है। मंगल देव को क्रूर व
 आक्रामक ग्रह माना जाता है। यह हमारे शरीर में हमारे ब्रेन लाल रक्त कणिकाएं साहस हिम्मत वह गुदा वाले भाग को रिप्रेजेंट करते हैं। साथ ही साथ मंगल देव हमारे छोटे भाई बहनों के कारक होते हैं। मंगल देव का स्वभाव अनुशासन प्रिय व एक सेनापति जैसा होता है। तथा इन को4,7,8 दृष्टि प्राप्त होती है।

मंगल देव अभी मिथुन राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं। 16 अक्टूबर से वृभ राशि से मिथुन राशि में आए थे। जो 30 अक्टूबर तक मार्गी रहे और इसी दिन से 13 नवंबर तक वक्री अवस्था में मिथुन में रहेंगे इसके बाद वक्री अवस्था में पुनः वर्षभ राशि में मूव कर जाएंगे जहां 13 जनवरी तक रहने वाले हैं।

अतः जिन जातकों की जन्म कुंडली में मंगल देव योग कारक होते हैं उनके लिए तो वह पॉजिटिव रहेंगे किंतु जिन जात को के जन्म कुंडली में मंगल देव मारक होते हैं। अतः अभी गोचर में वे जीन भाव से संबंध बनाएंगे उनके रिकॉर्डिंग नेगेटिव फल देंगे। किंतु जिन जातक के जन्म कुंडली में वह पॉजिटिव हैं तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। वो निश्चित रूप से पॉजिटिव फल देने वाले होंगे। अतः राशि से मंगल देव के फल को जानने से पहले आप अपनी जन्म कुंडली में मंगल देव की योगकारक व अयोग कारक की स्थिति को देख लेंवे। हम यहां पर राशि के अकॉर्डिंग मंगल देव की वक्री अवस्था का फल बताने जा रहे हैं। इसका फल आपकी जन्मकुंडली के योगकारक व मारक स्थिति पर निर्भर करेगा।

मेष -:
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल देव अपनी राशि के स्वामी होते हैं। अतः मंगल वक्री अवस्था में जैसे ही वृषभ राशि में गोचर करेंगे। जो दूसरे भाव में गोचर होगा तो यहां पर मंगल देव कुटुम परिवार में कुछ कलह  की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं या आपकी जो फिक्स डिपाजिट है उसको भंग कर सकते हैं। आप अपनी कटु वाणी के द्वारा अपने कुटुंब परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद बना सकते हैं। यहां से उनकी चतुर्थ दृष्टि पंचम भाव पर होगी तो आपके रिलेशनशिप संतान सुख या पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई में बाधा हो सकती है सप्तम दृष्टि से हैं अष्टम भाव को देखेंगे तो रक्त संबंधी बीमारियां आपको हो सकती है। वह भाग्य भाव को देखते हैं तो आपको जॉब को लेकर कुछ परेशानियां बना सकते हैं। माता-पिता से कुछ मतभेद हो सकते हैं धर्म कर्म से विमुख हो सकते हैं।

वृषभ -:
वृषभ राशि में मंगल देवा वक्री होंगे तो ऐसे जातकों के मन में कुछ कटुता उलझने उत्पन्न कर सकते हैं साथी आपके दांपत्य जीवन में भी कुछ प्रॉब्लम से पैदा करेंगे तथा चतुर्थ सप्तम अष्टम भाव के अकॉर्डिंग आपको कुछ नेगेटिव परिणाम दे सकते हैं। अतः आपके गुस्से में वृद्धि होना उग्र होना बात ही बातों में किसी से झगड़ा कर लेना पार्टनर के साथ और उलझने उत्पन्न करना ऐसी स्थितियों से आप सावधान रहे हैं।

मिथुन  -:

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल देव अपने खर्चों में कुछ वृद्धि कर सकते हैं हॉस्पिटल्स के खर्चे बढ़ सकते हैं बाकी लाभ प्राप्ति के योग भी बनाएंगे। छोटे बहन भाइयों के साथ कुछ मत बताओ पता कर सकते हैं यदि आपका पहले से कर्ज बढ़ रहा हो तो निश्चित रूप से आपके कर्ज में राहत देंगे।

कर्क -: कर्क राशि मैं मंगल देव नीचे होते हैं अतःइस राशि के जातकों को कुछ मानसिक अवसाद के साथ-साथ लाभ प्राप्ति के संसाधनों में कुछ रुकावट उत्पन्न करेंगे। वाणी को कटु व  कुटुम परिवार के साथ कलह करा सकते हैं।


सिंह -:
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल देव कार्यक्षेत्र पर अच्छी सफलता दिलाने वाले होंगे।  पराक्रम के द्वारा आप अपने कार्य क्षेत्र पर बहुत अच्छा कर सकते हैं।  आपको भवन वाहन प्रॉपर्टी जायदाद में सफलता दिलाने के चांसेस बनेंगे।


कन्या -:
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल देव अपने पिता से मतभेद बढ़ा सकते हैं भाग्य की विडंबना बनी रहेगी साथी साथ आपके पराक्रम में साहस की कमी व रक्त संबंधी बीमारियां भी मंगल 
 यहां प्रदान कर सकते हैं।

तुला -:

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल देव दूसरे व सप्तम भाव के अकॉर्डिंग नेगेटिव परिणाम देंगे। साथ ही साथ वह अष्टम भाव में गोचर करेंगे तो अष्टम भाव संबंधी बीमारियां व मानसिक चिंताएं दे सकते हैं साथ ही साथ  ऐसे विद्यार्थी जो शोध का कार्य करें उन्हें  सफलता  देंगे।

वृश्चिक -:
वृश्चिक राशि के जातकों के शरीर में गुस्सा में वृद्धि करेंगे किंतु रोग जैसी समस्याओं से निजात दिलाएंगे। आपके सप्तम भाव में गोचर ने कारण आपके पार्टनर के साथ कुछ मतभेद हो सकते हैं तो थोड़ा सा गुस्सा में कंट्रोल रखें और अपने पार्टनर के साथ अच्छे से व्यवहार करें।


धनु -:

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल देव अच्छी स्थिति में होते हैं अतः पंचम भाव संबंधी आपको अच्छे फल प्राप्त होंगे। यदि आप रिलेशनशिप में हैं तो आपके अच्छी स्थिति बनेगी। किंतु अपने स्वभाव में उग्रता को कम करके रखें।

मकर -:

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल देव का यह गोचर बहुत ही अच्छा लाभप्रद रहेगा उनके रुके हुए सभी कार्य  संपन्न होने के चांसेस बनेंगे। अतः अच्छे लाभ के योग मकर राशि वालों के लिए मंगल देव बनाएंगे।

कुंभ -:
कुंभ राशि के जातकों के लिए कुछ अडचने जरूर आएगी किंतु उनके प्रमोशन व कार्य क्षेत्र में अच्छी सफलता दिलाने के अच्छे योग बनेंगे।


मीन -:
मीन राशि के जातकों के लिए भी मंगल देव का यह गोचर सामान्यतः मिश्रित फल देने वालों का भाग्य का सहारा मिलेगा धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी साथ ही साथ आपके पराक्रम में वृद्धि होगी।


इस प्रकार जिन जातकों के लिए मंगल देव नकारात्मक परिणाम देने वाले हो रहे हैं उनको मंगल देव के बीज मंत्र का जाप करके या अन्य ज्योतिषी उपाय करके मंगल देव को पॉजिटिव करने के प्रयास करने चाहिए।





एस्ट्रोलॉजर आचार्य कौशल कुमार शास्त्री 
वैदिक ज्योतिष शोध संस्थान चौथ का बरवाड़ा
 सवाई माधोपुर राजस्थान 9414 657245



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