पत्रिका में बनने वाले प्रमुख श्रीकंठ वीरंची योग पार्ट 2 -: १, श्री कंठ योग -: जन्मपत्रिका में लग्नेश सूर्य चंद्रमा यदि केंद्र त्रिकोण में अपनी स्वरासी उच्च राशि मूत्र त्रिकौन राशि या उच्च होकर के बैठे हो तो उसे कंडीशन में श्रीकंठ नाम का विशिष्ट राज योग का नि…
Read moreजन्मपत्रिका में बनने वाले कुछ प्रमुख योग पार्ट 1 -: वैसे तो जन्मपत्रिका में असंख्य योग का निर्माण होता है फिर भी आज हम ऐसे विशिष्ट योगो की चर्चा करते हैं। जिनका निर्माण पत्रिका में होता है तो जातक के जीवन में बहुत बड़े-बड़े बदलाव होते हैं तो आज इसी क्रम मे…
Read moreचंद्रमा से बनने वाले कुछ प्रमुख विशिष्ट योग-: जन्म कुंडली में चंद्रमा एक प्रमुख ग्रह होता है। चंद्रमा मन का कारक होता है और एस्ट्रोलॉजी में चंद्रमा को रानी की उपमा दी गई है। चंद्रमा मन का कारक होने के कारण हमारे शरीर में सभी इंद्रियों पर नियंत्रित रखता है। इ…
Read moreलक्ष्मी नारायण योग कैसे देता है हमें धन वैभव संपदा,? नमस्कार मित्रों। आज हम एक कैसे विशिष्ट योग की चर्चा कर रहे हैं। जिन जातकों की जन्म कुंडली में उसका निर्माण होता है तो ऐसा जातक अपनी जीवन में पूर्ण धनवान होता है। साथ ही अपने जीवन में धन संपदा की कोई कमी न…
Read moreगुरु द्वारा बनने वाले प्रमुख राजयोग -: बृहस्पति को गुरु का दर्जा दिया गया है। बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। बृहस्पति का एक राज योग भी व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता का मुकाम पर पहुंचा सकता है। बृहस्पति अनुकूल होने पर…
Read moreमंगल ग्रह द्वारा बनने वाले अशुभ योग -: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को सेनापति ग्रह कहा गया है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है और मकर राशि में उच्च का और कर्क राशि में नीचे का बन जाता है। जन्म कुंडली में मंगल के योग जीवन की दशा बदलने में महत्वप…
Read moreप्रश्न कुंडली से अपने भविष्य के प्रश्नों को जानना -: नमस्कार मित्रों! आज हम प्रश्न कुंडली के विषय में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं। जिन जातक जातको के पास में अपने जन्म डिटेल नहीं होती है। जिस कारण से उनका जन्म पत्रिका नहीं होती है तो उस कंडीशन में हम तत…
Read moreग्रह जनित रोग विचार करना -: आज हम जानेंगे कि ग्रह के द्वारा हम किस प्रकार रोग का विचार कर सकते हैं। किस ग्रह से किस प्रकार का रोग हमें मिलता है। आज के इस लेख में हम नौ ग्रहों द्वारा होने वाले रोग का विस्तार से चर्चा करते हैं। १, सूर्य - सूर्य से पित्त क्रोध…
Read moreअभिनय योग -: यदि किसी जातक जातिका की जन्मकुंडली में पंचम भाव के स्वामी के साथ शुक्र अपने राशि में होकर नवम भाव में स्थित हो और दूसरे भाव के स्वामी की उस पर पूर्ण दृष्टि हो तो एक प्रबल अभिनय योग का निर्माण होता है। जिस जातक जातिका की जन्मकडली में ऐसी सिचुएशन …
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