वास्तु के अनुसार भवन निर्माण -: वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है। जो भवन निर्माण, डिजाइन और सजावट के नियमों और सिद्धांतों को बताता है। यह प्रकृति और वातावरण के संतुलन पर आधारित है, ताकि मनुष्यों के लिए एक सुखद और समृद्धिपूर्ण जीवन का निर्माण किया …
Read moreसंतान प्राप्ति से संबंधित ज्योतिषीय उपायों और परामर्श के लिए, ज्योतिषी आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते हैं--- कुंडली का विश्लेषण- जन्म कुंडली में पंचम भाव, सप्तम भाव और नवम भाव का विशेष रूप से विश्लेषण किया जाता है। ये भाव संतान, वैवाहिक जीवन और भा…
Read moreसूर्यसे बनने वाले प्रमुख योग -: पत्रिकामें सूर्य ज्योतिष में सूर्य से बनने वाले विभिन्न शुभ और अशुभ योगों का विवरण इस प्रकार है: शुभ योग --- विपरीत राजयोग -: जब सूर्य और अन्य कोई ग्रह एक दूसरे के विपरीत हों और एक दूसरे के प्रभाव को संतुलित करें, तब यह यो…
Read moreशेयर मार्केट से लाभकी स्थिति पता करना -: जन्मपत्रिका (कुंडली) में किसी व्यक्ति के स्टॉक मार्केट में लाभ या हानि की स्थिति का पता लगाने के लिए ज्योतिष के कुछ प्रमुख घटकों पर विचार किया जाता है। इनमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं: 1. लग्न -: उसके स्वा…
Read more29 जून 2024 से शनि होंगे वक्री -: 29 जून 2024 से शनि वक्री हो रहे हैं। सनी अभी अपनी मूल त्रिकोण की कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। और कुंभ राशि में ही अपनी उल्टी चाल से बकरी होने जा रहे हैं। और लगभग 15 नवंबर 2024 तक 139 दिन यह बकरी रहेंगे। न्याय के देवता शनि …
Read moreनकारात्मक एनर्जी को दूर करने के उपाय -: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय निम्नलिखित हैं: जिन उपायों को हम फॉलो करके हमारे घर परिवार पर बना रही नकारात्मक एनर्जी से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और घर में खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं। आईए जानत…
Read moreदशम भाव में बनने वाले प्रमुख योग -: जन्मपत्रिका के दसवें भाव (हाउस) को कर्म भाव या पेशे का घर कहा जाता है। यह भाव व्यक्ति की करियर, पेशेवर सफलता, सामाजिक स्थिति और प्रतिष्ठा को दर्शाता है। दसवें भाव से बनने वाले प्रमुख योग और उनके प्रभाव निम्नलिखित हैं: 1.दश…
Read moreविवाह विच्छेद योग -: जन्मपत्रिका में डाइवोर्स योग (विवाह विच्छेद के योग) के संकेत कुछ विशेष ग्रह स्थितियों और उनके प्रभावों से देखे जा सकते हैं। निम्नलिखित प्रमुख योग और ग्रह स्थिति ऐसे होते हैं जो वैवाहिक जीवन में समस्याएँ और विवाह विच्छेद के संकेत दे सकते …
Read moreजन्म कुंडली में बनने वाले प्रमुख वाले प्रमुख राज योग -: जनम कुंडली में बनने वाले प्रमुख राज योग निम्नलिखित हैं: 1. **राज योग**: यह योग तब बनता है जब लग्न और नवम भाव के स्वामी आपस में संबंध रखते हैं, विशेष रूप से यदि वे केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित हों। यह…
Read moreलगन के अनुसार जातक का व्यक्तित्व -: जन्म कुंडली में लग्न (अथवा असेंडेंट) का स्थान व्यक्ति के व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट और जीवन के प्राथमिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह कुल 12 लग्न होते हैं, जो जन्म के समय व्यक्ति के पूर्वी क्षितिज पर उग रहे राशियों के आधार पर…
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