एकादशी व्रत का संपूर्ण विस्तृत विधान शास्त्र निर्णय अनुसार -: अग्नि पुराण एक महत्त्वपूर्ण पुराण है जिसमें अनेक विषयों पर विस्तृत विवरण मिलता है, जिसमें व्रत, तीर्थ, पूजा विधि, आयुर्वेद, युद्धनीति आदि शामिल हैं। एकादशी व्रत के विषय में भी अग्नि पुराण में …
Read moreअग्नि पुराण के अनुसार सभी 15 तिथियों की व्रत विधि और महत्व -: अग्नि पुराण में सभी पंद्रह तिथियों (प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा या अमावस्या तक) के व्रतों का वर्णन पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से किया गया है। प्रत्येक तिथि का एक विशेष महत्व है, और उन त…
Read moreकिसी व्यक्ति का रिलेशनशिप (प्रेम संबंध या विवाह) कब बनेगा, यह ज्योतिषीय दृष्टिकोण से निम्नलिखित तरीकों से जाना जा सकता है: ज्योतिषीय उपाय – कुंडली विश्लेषण द्वारा सप्तम भाव – यह भाव विवाह और पार्टनरशिप का कारक है। इस भाव के स्वामी और उसमें स्थित ग्रहों…
Read moreशनि देव का जीवन परिचय -: शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। वे नवग्रहों में प्रमुख स्थान रखते हैं और कर्मफलदाता हैं। शनि देव का जन्म वैशाख मास की अमावस्या को हुआ था, जिसे शनि जयंती कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, वे भगवान सूर्य और छाया (संवर्णा) …
Read moreविष कन्या योग -: विषकन्या योग एक विशेष प्रकार का योग है जिसे पारंपरिक वैदिक ज्योतिष में अशुभ या हानिकर योगों में गिना जाता है। यह योग स्त्री की कुण्डली में होता है और माना जाता है कि ऐसी कन्या (या स्त्री) के संपर्क में आने वाले पुरुषों को शारीरिक, मानसिक या…
Read moreविवाह से संबंधित प्रश्न— “कब होगी शादी? पार्टनर कैसे होंगे? कौन रिश्ता कराएगा?” —का उत्तर जन्म कुंडली के विश्लेषण से मिलता है। आइए इसे बिंदुवार समझते हैं कि कुंडली से ये बातें कैसे जानी जाती हैं। 1. शादी कब होगी? यह मुख्यतः सप्तम भाव , उसके स्वामी, और शुक…
Read more15 मई 2025 बृहस्पति करेंगे मिथुन राशि में प्रवेश -': 15 मई 2025 से बृहस्पति का गोचर मिथुन राशि में हो रहा है। यह परिवर्तन सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रकार के शुभ या अशुभ प्रभाव डालेगा। नीचे सभी राशियों पर इसका संक्षिप्त प्रभाव दिया गया है: 1. मेष राशि :…
Read moreभवन निर्माण में वास्तु का महत्व एवं सामान्य नियमों के अनुसार महत्वपूर्ण जानकारी: वास्तु का महत्व -: वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो भवन निर्माण, भूखण्ड चयन, दिशा ज्ञान, ऊर्जा संतुलन और सुख-समृद्धि हेतु स्थान नियोजन पर आधारित है। भवन निर्माण …
Read moreचंद्र महादशा फल -: चंद्र महादशा में चन्द्रमा की अंतर्दशा फल-: चंद्रमा की महादशा में चंद्र की अंतर्दशा जब आती है उस समय जातक को मानसिक शांति, माता के स्वास्थ्य व सुख में वृद्धि, घर में संतति रूप में कन्या का जन्म होना, साधु संतों का आगमन बना रहना, धार्मिक कार…
Read more23 मार्च 2025 को शुक्र उदय – सभी राशियों पर प्रभाव -: 23 मार्च 2025 को शुक्र उदय हो रहे हैं, जिससे सभी 12 राशियों पर विभिन्न प्रभाव पड़ेंगे। शुक्र ग्रह सुख, सौंदर्य, वैवाहिक जीवन, भौतिक सुख-सुविधाओं, प्रेम संबंधों, कला और धन का कारक है। जब शुक्र अस्त होते …
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