किसी व्यक्ति का रिलेशनशिप (प्रेम संबंध या विवाह) कब बनेगा, यह ज्योतिषीय दृष्टिकोण से निम्नलिखित तरीकों से जाना जा सकता है:
ज्योतिषीय उपाय – कुंडली विश्लेषण द्वारा
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सप्तम भाव – यह भाव विवाह और पार्टनरशिप का कारक है। इस भाव के स्वामी और उसमें स्थित ग्रहों की स्थिति देखकर रिलेशनशिप बनने की संभावनाएं जानी जाती हैं।
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पंचम भाव – प्रेम संबंधों का भाव है। यदि यह भाव मजबूत हो, तो प्रेम संबंध बनने की संभावना अधिक होती है।
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ग्रहों की दशा-अंतर्दशा – यदि शुक्र, बुध, पंचम या सप्तम भाव के स्वामी की दशा चल रही हो, तो प्रेम या रिलेशनशिप बनने की संभावना होती है।
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गोचर – गोचर में जब बृहस्पति, शुक्र या चंद्रमा पंचम या सप्तम भाव पर दृष्टि डालते हैं या वहाँ से गुजरते हैं, तो उस समय रिलेशनशिप बनने की संभावनाएं प्रबल होती हैं।
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चंद्र कुंडली – कई बार लग्न कुंडली से नहीं, बल्कि चंद्र लग्न से यह संकेत मिलते हैं।
रिलेशनशिप बनने का संभावित समय जानने के लिए ज़रूरी विवरण:
- जन्म तिथि
- जन्म समय
- जन्म स्थान
चार्य कौशल कुमार शास्त्री
9414657245
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