28 अक्टूबर से मंगल का वृश्चिकरशि में गोचर -:
28 अक्टूबर 2025 को मंगल अपनी वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। जिससे सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा तो आईए जानते हैं। मेष से मीन राशि के जातकों पर मंगल के इस गोचर का कैसा रहने वाला है प्रभावन
1. मेष
मेष राशि के लिये मंगल वृश्चिक में गोचर होने पर 8वें भाव पर कार्रवाई हो सकती है।
प्रभाव:
- छिपी हुई चीजें सामने आ सकती हैं, पूर्वव्यापियों से निपटना पड़ सकता है।
- खर्च, ऋण, इनहेरिटेंस या बीमित मामलों में सक्रियता बढ़ सकती है।
- मानसिक रूप से चुनौतियाँ आ सकती हैं — क्रोध, अस्थिरता आदि।
सलाह: क्रोध पर नियंत्रण, स्वास्थ्य-खर्च पर ध्यान देना लाभदायक रहेगा।
2. वृषभ
वृषभ राशि वालों के लिए यह गोचर 7वें या 6वें भाव में असर डाल सकता है।
प्रभाव:
- साझेदारी, विवाह या व्यवसायी भागीदारी में हलचल हो सकती है।
- साझेदारों के साथ विवाद या टकराव हो सकते हैं।
- प्रतियोगिता बढ़ सकती है, विशेषकर व्यवसाय में।
सलाह: आज महसूस होने वाली प्रवृत्तियों को जल्दी कार्रवाई में न बदलें — संयम और सोच-विचार जरूरी है।
3. मिथुन
मिथुन राशि वालों के लिए यह गोचर 6वें या 5वें भाव पर असर दिखा सकता है।
प्रभाव:
- दुश्मन, प्रतिस्पर्धा या स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ जाग सकते हैं।
- जोखिम-उपक्रमों से बचना बेहतर होगा।
- बाल, शिक्षा या रचनात्मक कामों में थोड़ी जद्दोजहद हो सकती है।
सलाह: राहत-कार्य, स्वास्थ्य पर ध्यान, प्रतिस्पर्धा से सहजता से निपटना लाभदायक रहेगा।
4. कर्क
कर्क राशि के लिए यह गोचर 5वें-4वें भाव में असर दिखा सकता है।
प्रभाव:
- बच्चे-परिवार संबंधी मामला, निवेश-सपास आदि सक्रिय हो सकते हैं।
- घर-परिवार में बदलाव या परिस्थिति में हलचल संभव है।
- जोखिम उठाने से बचना बेहतर होगा।
सलाह: घर-परिवार में शांति बनाए रखें, अचानक बड़े निर्णय से पहले ठहराव लें।
5. सिंह
सिंह राशि वालों के लिए स्थिति 4वें-3वें भाव पर हो सकती है।
प्रभाव:
- घर-घर परिवेश, भावनात्मक स्थिति में बदलाव हो सकते हैं।
- यात्रा, परिवहन, भाई-बहन से सम्बन्धी मामले प्रमुख हो सकते हैं।
- अतिसक्रियता या अहंकार से प्रभावित हो सकते हैं।
सलाह: कार्यक्षेत्र और परिवार में संतुलन बनाए रखें; गुस्से पर नियंत्रण रखें।
6. कन्या
कन्या राशि के लिए यह गोचर 3-2-भाव में प्रभाव दिखा सकता है।
प्रभाव:
- भाई-बहनों, संवाद, छोटे-मोटे पड़ोसी-सम्बन्धी मामलों में हलचल हो सकती है।
- यात्रा, संचार, छोटे व्यवसाय संबंधी क्रियाएँ बढ़ सकती हैं।
- खर्च या घरेलू तनाव संभव।
सलाह: पॉजिटिव संवाद बढ़ाएं, गुस्से या अनावश्यक यात्रा से बचें।
7. तुला
तुला राशि वालों के लिए यह गोचर 2-भु (द्वितीय) भाव या 1-भाव पर असर दिखा सकता है।
प्रभाव:
- आय, खर्च, परिवार-संपत्ति से सम्बंधित विषय सामने आ सकते हैं।
- आत्म-वचार और भाषा-शैली में गलती होने की संभावना।
- हो सकता है कि बेवजह खर्च बढ़ जाए।
सलाह: बजट बनाए रखें, वाणी पर नियंत्रण रखें, आर्थिक रूप से सतर्क रहें।
8. वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह गोचर 1-भाव (स्वयं का भाव) में हो सकता है — अर्थात् खुद पर असर।
प्रभाव:
- स्वयं पर भरोसा, ऊर्जा, इच्छा-शक्ति में बदलाव अनुभव हो सकता है।
- आत्म-दृष्टि बदल सकती है, नए रूप में खुद को देखना।
- लेकिन क्रोध या अस्थिरता भी बढ़ सकती है।
सलाह: स्वयं-नियंत्रण बढ़ाएं, सकारात्मक दिशा में कार्य करें, आत्म-सुधार का अवसर देखें।
9. धनु
धनु राशि वालों के लिए यह गोचर 12-वें भाव (निष्क्रमण-भाव), या आध्यात्मिक/छिपे स्थान पर असर दिखा सकता है।
प्रभाव:
- खर्च, विदेश-संबंध, अकेलापन, स्वयं-विचार बढ़ सकते हैं।
- मानसिक रूप से चिंताएं बढ़ सकती हैं, तैयारी-काम में धीमापन हो सकता है।
सलाह: अपनी निज-स्थिति पर ध्यान दें, आत्मचिंतन करें, खर्च-वित्त को नियंत्रित रखें।
10. मकर
मकर राशि वालों के लिए यह गोचर 11-वें भाव (आय, लाभ, मित्र-समूह) में प्रभाव दिखा सकता है।
प्रभाव:
- लाभ-प्राप्ति, सामाजिक नेटवर्क, मित्र-समूह में सक्रियता बढ़ सकती है।
- लेकिन उतावलापन, जल्दी निर्णय लेने का खतरा।
सलाह: योजना बनाकर मित्र-समूह व सामाजिक गतिविधियाँ करें; जल्दबाजी से बचें।
11. कुंभ
कुंभ राशि वालों के लिए यह गोचर 10-वें भाव (कर्म/पेशा) में असर दिखा सकता है।
प्रभाव:
- करियर में बदलाव, पद-उत्तरायित्व बढ़ने की सम्भावना।
- लेकिन कार्यक्षेत्र में तनाव या प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।
सलाह: संयम व धैर्य से काम करें; प्रोफेशनल निर्णय सोच-विचार कर लें।
12. मीन
मीन राशि वालों के लिये यह गोचर 9-वें भाव (भाग्य, उच्च शिक्षा, दर्शन) में असर दे सकता है।
प्रभाव:
- उच्च शिक्षा, दर्शन-भावना, विदेश-प्रयास, भाग्य-संबंधी काम सामने आ सकते हैं।
- नई सीख, यात्रा की सम्भावना। लेकिन अस्थिरता या भ्रम हो सकता है।
सलाह: आद्यात्मिक कार्य करें, यात्रा-ज्ञान को नियंत्रित रूप से लें, भाग्य-वृद्धि की दिशा पर काम करें।
निष्कर्ष
मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर उर्जा, परिवर्तन, गहरा अंतर्दृष्टि एवं क्रिया-प्रेरणा लाता है। लेकिन साथ ही आक्रामकता, टकराव, जोखिम-प्रवृत्तियाँ भी बढ़ सकती हैं। इसलिए यह समय अधिक सावधानी, आत्मचिंतन और संयम की माँग करता है।
एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री
9414657245

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