जन्म कुंडली के द्वादश भावो का फलादेश

जन्म कुंडली में द्वादश भाव होते हैं अतः आज हम जानते हैं कि जन्म कुंडली के इन द्वादश भाव में कौन सा भाव किस क्षेत्र का होता है और किस भाव से किस क्षेत्र के विषय में विश्लेषण किया जाता है!

1. जन्म कुंडली के पहले भाव को लग्न कहा जाता है और हम कुंडली के प्रथम भाव से जातक के रूप सौंदर्य सुख व शरीर के लक्षणों संबंधी विश्लेषण करते हैं!

2. कुंडली के दूसरे भाव को धन का भाव कहा जाता है अतः कुंडली के दूसरे भाव से जातक के जीवन में धन संबंधी व जातक की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करते हैं !

3.तीसरे भाव को भाई बहन का भाव कहा जाता है अतः तीसरे भाव से जातक के जीवन में यश व भाई बहन संबंधी विश्लेषण करते हैं !

4.चौथे भाव से माता-पिता खेती व जातक के जीवन में सवारी संबंधी विश्लेषण हम कर पाते हैं !

5.पांचवें भाव को विद्या का भाव व संतान का भाव कहते हैं अतः पांचवे  भाव से  जातक के जीवन में विद्या व संतान संबंधी विश्लेषण करते हैं!

6. भाव से जातक के जीवन में मामा मौसी व शत्रु संबंधी विश्लेषण कर पाते हैं !


7.सातवें भाव को विवाह का भाव का जाता है कुंडली के सातवें भाव से हम जातक के जीवन में वैवाहिक संबंधी विश्लेषण करते हैं!

 8,   आठवें भाव को आयु का घर कहा जाता है अतःआठवे भाव से जातक के स्वास्थय व आयु संबंधी विश्लेषण करते हैं !
9. नवम भाव को  भाग्य का भाव कहा जाता है अतः नवम भाव से हम जातक के जीवन में धार्मिक प्रभाव व जातक के भाग्य संबंधी विश्लेषण करते हैं !

10. दशम भाव को राज्य का भाव कहा जाता है अतः दशम भाव से जातक के राजयोग संबंधी विश्लेषण करते हैं !


11 ,   एकादश भाव से जातक के जीवन में लाभ व धन संग्रह का विश्लेषण कर पाते हैं !


  12  .      बाहरवे भाव से जातक के जीवन में व्यय का विश्लेषण करते हैं






आचार्य कौशल कुमार शास्त्री

                 M, Aज्योतिष शास्त्र, साहित्याचार्य
वैदिक ज्योतिष शोध संस्थान
चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
राजस्थान 9414 6572 45

Post a Comment

0 Comments