प्रेम राशिफल 2024 सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएऐ नव वर्ष 2024 की शुभकामनाओं के साथ आज हम प्रेम राशिफल के अंतर्गत 2024 में सभी 12 राशियों के प्रेम और वैवाहिक जीवन से जुड़ी सटीक प्रेडिक्शन करने जा रहे हैं। प्रेम हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग होता है प्र…
Read moreवर वधू का विवाह मुहूर्त बनाते समय किस-किस का बाल देखा जाता है? नमस्कार मित्रों आज हम विवाह मुहूर्त विषय में अध्ययन करेंगे की विवाह मुहूर्त बनाते समय हम वर वधु के किन-किन ग्रहों का बाल देखते हैं। जिससे विवाह मुहूर्त शुभ होता है। बिना विलंब आज की यात्रा को आग…
Read moreशेयर मार्केट में लाभ हानि के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है? शेयर मार्केट में मनुष्य पल भर में रंक से राजा और राजा से रंक बन जाता है। शेयर मार्केट में पैसा लगाने से लोगों की किस्मत चमक जाती है तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनका पैसा डूब कर कंगाल ह…
Read moreगोचर से फलादेश करने के सूत्र -: जन्म कुंडली में गोचर का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। गोचर के द्वारा मां द्वारा हम तत्कालीन फल का पता करते हैं। गोचर एट प्रजेंट ग्रहों के मूवमेंट को कहते हैं। आज की चर्चा में हम जानेंगे की गोचर के द्वारा हम किस प्रकार से फल …
Read morePromotion yog -: ऊआज की चर्चा में हम हमारे जीवन में होने वाली पदोन्नति प्रमोशन जो के विषय में करने जा रहे होते हैं। जन्म कुंडली में ऐसे योग की चर्चा की जाती है। जिनके बनने पर व्यक्ति अपने जीवन में अनायास प्रमोशन पता है। जन्म कुंडली में प्रमोशन योग देखने के ल…
Read moreदशमांश कुंडली से जाने आपना कैरियर कार्यक्षेत्र -: जैसा कि हम जानते हैं कि जन्म कुंडली के माध्यम से हम हमारी करियर कार्यक्षेत्र को जानने के लिए कुंडली का दशम भाव को रीड करते हैं। हम जैसा की कार्य क्षेत्र से सीधा-सीधा मतलब आजकल हम हमारे करियर से लेते हैं। करियर…
Read moreराष्ट्रपति योग -: यदि किसी जातक की कुंडली में नवम स्थान में सूर्य तथा बृहस्पति एवं दशम भाव में मंगल और बुध ग्रह हो तो राष्ट्रपति योग का निर्माण होता है। राष्ट्रपति योग एक उच्च कोटि का योग माना जाता है। जिस जातक की जन्म कुंडली में यह योग होता है। वह राज्य के …
Read moreआपको कितनी संतान होगी, संतान का सुख कैसा रहेगा, संतान विषयक संपूर्ण सूक्ष्म विश्लेषण कैसे करें ? आज की परिचर्चा में हम एक महत्वपूर्ण विषय को लेकर के उपस्थित हैं। आज हम संतान संबंधी आवश्यक प्रश्नों को सूक्ष्मता से समझने का प्रयास करेंगे। आज हम जाने की कोशिश क…
Read moreजन्म कुंडली विश्लेषण में भाव विचार करना -: जातक जातिक की जन्म कुंडली का विश्लेषण करने से पहले हमें यह देखना होता है कि जातक किस सेक्टर के विषय में जानना चाहता है। और जातक का प्रश्न जिस सेक्टर या जिस भाव के अकॉर्डिंग होता है। उसी का विश्लेषण हमें करना होता ह…
Read moreछठे भाव का सबसे महत्वपूर्ण योग अस्त्र योग जातक को दिलाता है जीवन में बहुत अधिक कामयाबी -: नमस्कार मित्रों आज हम एक ऐसी विशिष्ट योग के बारे में जानकारी प्राप्त करने जा रहे हैं जो कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र में जातक को बहुत अधिक कामयाबी की बुलंदियों क…
Read moreबुध गुरु शुक्र शनि ग्रहो से रोग विचार -- आज की चर्चा में हम पूर्व चर्चा को आगे बढ़ते हुए बुध गुरु शुक्र शनि ग्रहों के पीड़ित होने से होने वाले रोग विचार पर जानकारी प्राप्त करेंगे। हम जानेंगे की बुध गुरु शुक्र शनि किस प्रकार के रोगों के कारक होते हैं। सबसे प…
Read moreसूर्य चंद्र मंगल ग्रहों से रोग का विचार करना -: आज की चर्चा में हम जन्म पत्रिका के माध्यम से रोग का विचार कैसे किया जाता है। इस विषय को लेकर के चर्चा करने जा रहे हैं। जन्मपत्रिका में पैसे रोग का विचार मुख्य रूप से 6 ,8 और 12 भाव से देखा जाता है। इसी प्रकार ज…
Read moreउन्माद ( पागल) योग -: १,यदि लग्न में सूर्य हो सप्तम भाव में मंगल हो तो मनुष्य उन्माद पागल प्रकृति का होता है। २, लग्न या त्रिकोण में सूर्य और चंद्रमा हो गुरु तीसरे भाव में या केंद्र में हो धनु राशि का लग्न हो तो जातक निश्चय पागल होता है। ३, बुध और चंद्रमा के…
Read moreस्त्री जन्म कुंडली से जाने संतान गर्भधारण का सही समय -: नमस्कार मित्रों ! आज की चर्चा में हम जानेंगे कि स्त्री जन्म कुंडली के द्वारा संतान कंसीव का कैसे हम सतीक पूर्व अनुमान लगा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे सूत्र होते हैं। जिनको जब हम स्त्री…
Read moreजन्म कुंडली में 12 भावों से बनने वाले प्रमुख राजयोग -: आज की चर्चा में हम जन्म कुंडली की 12 भावों से बनने वाले प्रमुख 12 योगों की जानकारी प्राप्त करते हैं। आईऐ आज की चर्चा का आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि वह कौन से योग हैं? १, चामर योग -: यदि जन्म कुंडली के लग…
Read moreपत्रिका में बनने वाले प्रमुख श्रीकंठ वीरंची योग पार्ट 2 -: १, श्री कंठ योग -: जन्मपत्रिका में लग्नेश सूर्य चंद्रमा यदि केंद्र त्रिकोण में अपनी स्वरासी उच्च राशि मूत्र त्रिकौन राशि या उच्च होकर के बैठे हो तो उसे कंडीशन में श्रीकंठ नाम का विशिष्ट राज योग का नि…
Read moreजन्मपत्रिका में बनने वाले कुछ प्रमुख योग पार्ट 1 -: वैसे तो जन्मपत्रिका में असंख्य योग का निर्माण होता है फिर भी आज हम ऐसे विशिष्ट योगो की चर्चा करते हैं। जिनका निर्माण पत्रिका में होता है तो जातक के जीवन में बहुत बड़े-बड़े बदलाव होते हैं तो आज इसी क्रम मे…
Read moreचंद्रमा से बनने वाले कुछ प्रमुख विशिष्ट योग-: जन्म कुंडली में चंद्रमा एक प्रमुख ग्रह होता है। चंद्रमा मन का कारक होता है और एस्ट्रोलॉजी में चंद्रमा को रानी की उपमा दी गई है। चंद्रमा मन का कारक होने के कारण हमारे शरीर में सभी इंद्रियों पर नियंत्रित रखता है। इ…
Read moreलक्ष्मी नारायण योग कैसे देता है हमें धन वैभव संपदा,? नमस्कार मित्रों। आज हम एक कैसे विशिष्ट योग की चर्चा कर रहे हैं। जिन जातकों की जन्म कुंडली में उसका निर्माण होता है तो ऐसा जातक अपनी जीवन में पूर्ण धनवान होता है। साथ ही अपने जीवन में धन संपदा की कोई कमी न…
Read moreगुरु द्वारा बनने वाले प्रमुख राजयोग -: बृहस्पति को गुरु का दर्जा दिया गया है। बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। बृहस्पति का एक राज योग भी व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता का मुकाम पर पहुंचा सकता है। बृहस्पति अनुकूल होने पर…
Read moreमंगल ग्रह द्वारा बनने वाले अशुभ योग -: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को सेनापति ग्रह कहा गया है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है और मकर राशि में उच्च का और कर्क राशि में नीचे का बन जाता है। जन्म कुंडली में मंगल के योग जीवन की दशा बदलने में महत्वप…
Read moreप्रश्न कुंडली से अपने भविष्य के प्रश्नों को जानना -: नमस्कार मित्रों! आज हम प्रश्न कुंडली के विषय में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं। जिन जातक जातको के पास में अपने जन्म डिटेल नहीं होती है। जिस कारण से उनका जन्म पत्रिका नहीं होती है तो उस कंडीशन में हम तत…
Read moreग्रह जनित रोग विचार करना -: आज हम जानेंगे कि ग्रह के द्वारा हम किस प्रकार रोग का विचार कर सकते हैं। किस ग्रह से किस प्रकार का रोग हमें मिलता है। आज के इस लेख में हम नौ ग्रहों द्वारा होने वाले रोग का विस्तार से चर्चा करते हैं। १, सूर्य - सूर्य से पित्त क्रोध…
Read moreअभिनय योग -: यदि किसी जातक जातिका की जन्मकुंडली में पंचम भाव के स्वामी के साथ शुक्र अपने राशि में होकर नवम भाव में स्थित हो और दूसरे भाव के स्वामी की उस पर पूर्ण दृष्टि हो तो एक प्रबल अभिनय योग का निर्माण होता है। जिस जातक जातिका की जन्मकडली में ऐसी सिचुएशन …
Read moreसूर्य चंद्र की युति से बनने वाला अमावस्या दोष -; नमस्कार मित्रों ! आज की ज्योतिष चर्च में हम एक विशेष योग की चर्चा करने जा रहे हैं जो की जन्म कुंडली में सूर्य चंद्रमा की युति से निर्मित होता है। जिसे अमावस्या दोष का जाता है। यह दोष विशेषकर जैसा कि नाम से ही …
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