Determining the timing of marriage from a birth chart involves analyzing several astrological factors. Here’s a step-by-step guide: 1. Key Houses to Examine 7th House (House of Marriage): This is the primary house for marriage and partnerships. 2nd House: Re…
Read moreCauses of Manglik Dosh -: Manglik Dosh (also called Mangal Dosha or Kuja Dosha) arises when Mars (Mangal) is placed in certain houses in a person’s natal chart (Janam Kundli). The afflicted houses are: 1. 1st House (Lagna) – Affects personality and marriage.…
Read moreIn Vedic tradition, specific spiritual practices, mantras, and yoga asanas are believed to enhance fertility and balance the body and mind, which may contribute to the possibility of having a son. However, it’s essential to approach this with an open mind, u…
Read moreकरियर लाइफ में किस सेक्टर में आपको मिलेगा सक्सेस -: जन्मपत्रिका में किसी व्यक्ति के जीवन में बिजनेस (व्यवसाय) या जॉब (नौकरी) के योग देखने के लिए कुछ प्रमुख ग्रहों, भावों और उनके संबंधों का विश्लेषण किया जाता है। आइए जानते हैं कि बिजनेस और जॉब के योग किन मुख्य…
Read moreक्यों मनाई जाती है दीपावली ? दीपावली का पर्व मुख्यतः भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर अयोध्यावासियों द्वारा स्वागत के रूप में मनाया गया था। इसके अलावा भी इसके पीछे कई धार्मिक कथाएँ हैं, जैसे कि भगवान विष्णु का नरसिंह रूप में अवतार लेकर…
Read moreकरवाचौथ व्रत 2024 -: करवा चौथ 2024: करवा चौथ व्रत 20अक्टूबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए होता है, जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत…
Read moreशेयर मार्केट से लाभ प्राप्तिक योग -: ज्योतिष शास्त्र में शेयर मार्केट में धन प्राप्ति के योग का अध्ययन जन्म कुंडली के विभिन्न भावों, ग्रहों की स्थिति, और दशा-अंतरदशा के आधार पर किया जाता है। शेयर मार्केट से धन प्राप्ति के मुख्य योग निम्नलिखित होते हैं: 1. द्…
Read moreपितृपक्ष का महत्व -: पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों को समर्पित एक महत्वपूर्ण अवधि है, जिसमें हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान जैसे अनुष्ठान करते हैं। वर्ष 2024 में यह अवधि 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक रहेगी…
Read moreपितृरों का महत्व -: सनातन धर्म में ही नहीं अपितु सभी धर्मों में माना जाता है कि इस जीवात्मा का कभी अंत नहीं होता है अपितु यह जीवात्मा जिस प्रकार से मनुष्य वस्त्र बदलता है उसी प्रकार से जीवात्मा भी अपना शरीर बदलती रहती है। अतः इस जीवात्मा का अस्तित्व कभी भी सम…
Read moreअष्टमेश का जन्म पत्रिका के द्वादश भाव में शुभ-अशुभ परिणाम -: नमस्कार मित्रों आज की परिचर्चा में हम जन्मपत्रिका के अष्टम भाव के स्वामी के विषय में चर्चा करेंगे।आज के इस चर्चा में हमअष्टम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में शुभ अशुभ परिणाम के बारे में चर्चा करने …
Read moreसेकंड मरिज योग -: ज्योतिष में सेकंड मैरिज (दूसरी शादी) के योग का विश्लेषण मुख्यतः जन्मकुंडली के कुछ विशेष भावों, ग्रहों, और दशाओं के आधार पर किया जाता है। नीचे कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं, जो दूसरी शादी के योग का संकेत देते हैं ।-: 1. सप्तम भाव (7th House) …
Read moreप्रश्न कुंडली दखना-: प्रश्न कुंडली (Prashna Kundali) ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसके माध्यम से किसी विशिष्ट प्रश्न का उत्तर प्राप्त किया जाता है। यह विधि खासकर तब उपयोगी होती है जब जन्म कुंडली उपलब्ध नहीं होती या जब प्रश्न बहुत विशिष्ट और तात्कालिक…
Read moreहरियाली तीज का सांस्कृतिक महत्व -: हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तरी और पश्चिमी भारत में, विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रद…
Read moreवक्री ग्रहों का प्रभाव ,-: नमस्कार मित्रों आज की चर्चामें हम वक्री ग्रहों के प्रभाव को समझने का प्रयास करेंगे।ग्रहों के वक्री होने का अर्थ है कि वे पृथ्वी से देखने पर उल्टी दिशा में गति करते हुए प्रतीत होते हैं। भारतीय ज्योतिष के अनुसार, वक्री ग्रहों का प्…
Read moreवास्तु के अनुसार भवन निर्माण -: वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है। जो भवन निर्माण, डिजाइन और सजावट के नियमों और सिद्धांतों को बताता है। यह प्रकृति और वातावरण के संतुलन पर आधारित है, ताकि मनुष्यों के लिए एक सुखद और समृद्धिपूर्ण जीवन का निर्माण किया …
Read moreसंतान प्राप्ति से संबंधित ज्योतिषीय उपायों और परामर्श के लिए, ज्योतिषी आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते हैं--- कुंडली का विश्लेषण- जन्म कुंडली में पंचम भाव, सप्तम भाव और नवम भाव का विशेष रूप से विश्लेषण किया जाता है। ये भाव संतान, वैवाहिक जीवन और भा…
Read moreसूर्यसे बनने वाले प्रमुख योग -: पत्रिकामें सूर्य ज्योतिष में सूर्य से बनने वाले विभिन्न शुभ और अशुभ योगों का विवरण इस प्रकार है: शुभ योग --- विपरीत राजयोग -: जब सूर्य और अन्य कोई ग्रह एक दूसरे के विपरीत हों और एक दूसरे के प्रभाव को संतुलित करें, तब यह यो…
Read moreशेयर मार्केट से लाभकी स्थिति पता करना -: जन्मपत्रिका (कुंडली) में किसी व्यक्ति के स्टॉक मार्केट में लाभ या हानि की स्थिति का पता लगाने के लिए ज्योतिष के कुछ प्रमुख घटकों पर विचार किया जाता है। इनमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं: 1. लग्न -: उसके स्वा…
Read more29 जून 2024 से शनि होंगे वक्री -: 29 जून 2024 से शनि वक्री हो रहे हैं। सनी अभी अपनी मूल त्रिकोण की कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। और कुंभ राशि में ही अपनी उल्टी चाल से बकरी होने जा रहे हैं। और लगभग 15 नवंबर 2024 तक 139 दिन यह बकरी रहेंगे। न्याय के देवता शनि …
Read moreनकारात्मक एनर्जी को दूर करने के उपाय -: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय निम्नलिखित हैं: जिन उपायों को हम फॉलो करके हमारे घर परिवार पर बना रही नकारात्मक एनर्जी से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और घर में खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं। आईए जानत…
Read moreदशम भाव में बनने वाले प्रमुख योग -: जन्मपत्रिका के दसवें भाव (हाउस) को कर्म भाव या पेशे का घर कहा जाता है। यह भाव व्यक्ति की करियर, पेशेवर सफलता, सामाजिक स्थिति और प्रतिष्ठा को दर्शाता है। दसवें भाव से बनने वाले प्रमुख योग और उनके प्रभाव निम्नलिखित हैं: 1.दश…
Read moreविवाह विच्छेद योग -: जन्मपत्रिका में डाइवोर्स योग (विवाह विच्छेद के योग) के संकेत कुछ विशेष ग्रह स्थितियों और उनके प्रभावों से देखे जा सकते हैं। निम्नलिखित प्रमुख योग और ग्रह स्थिति ऐसे होते हैं जो वैवाहिक जीवन में समस्याएँ और विवाह विच्छेद के संकेत दे सकते …
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