भवन निर्माण योग

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  हम सब की तीन आवश्यकताऐ मुख्य रूप से होती है भोजन कपड़ा और मकान ! प्रत्येक  व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसका अपना निजी भवन हो निजी छत हो जिसमें वह स्वतंत्र रूप से अपना जीवन जी सके  !आज के समय में अपने निजी भवन की प्राप्ति होना बहुत ही सुखदाई व  सुकून प्रदान करने वाला होता है क्योंकि आज के समय में बहुत अधिक लोगों के पास अपना निजी भवन नहीं है और वे लोग अपना जीवन किराए के भवन में ही व्यतीत कर रहे हैं अतः आज हम इसी विषय पर ज्योतिषी विश्लेषण करते हैं कि किन योगा योगों के कारण जातक की जन्मकुंडली में भवन निर्माण योग बनता है और ऐसे कौन से कारक ग्रह है जिनके कारण जातक के जीवन में भवन निर्माण योग नहीं बन पाता है


जानिए जन्म कुंडली से भवन निर्माण योग -:



 हम जन्मकुंडली का विश्लेषण करके यह पता कर सकते हैं कि जातक के जीवन में भवन निर्माण सुख कब प्राप्त होगा और इसके लिए हमें जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव का विश्लेषण करना आवश्यक होता है क्योंकि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव को भवन निर्माण कारक भाव माना गया है अत:चतुर्थ भाव व चतुर्थेश  का भवन निर्माण योग में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान होता है !

  1.यदि चतुर्थ भाव का स्वामी मजबूत बली होकर अपने भवन को देख रहा हो तो भवन निर्माण योग बनता है!

2. शुक्र बृहस्पति और चंद्रमा की दृष्टि चतुर्थ भाव पर शुभ हो

3. यदि प्रथम भाव का स्वामी लग्नेश और चतुर्थ भाव का स्वामी चतुर्थेशदोनों एक साथ मिलकर चतुर्थ भाव में विद्यमान होते हैं तो जातक के जीवन में अचानक एक सुंदर सा भवन निर्माण होने का योग बनता है!

4. यदि लग्नेश व चतुर्थेश का आपसी संबंध मित्रता का होता है तब भी जातक के जीवन में भवन निर्माण का योग बनता है

5. इसी प्रकार यदि लग्नेश ,चतुर्थेश और दशमेश तीनों मित्र भाव से किसी भी मित्र राशि में एक जगह पर हो तो जातक के जीवन में एक सुंदर सा अलग उच्च कोटि का बंगला निर्माण योग बनता है!

6. ज्योतिष में मंगल को भूमि का प्रतीक ग्रह माना गया है अतः जन्म कुंडली में भवन निर्माण के लिए मंगल की स्थिति भी बहुत अधिक महत्व रखती है यदि मंगल जातक की जन्म कुंडली में शुभ फल प्रदान करने वाला होकर किसी शुभ राशि में विद्यमान होता है तो जातक के जीवन में चतुर्थ भाव के स्वामी की या  मंगल की दशा अंतर्दशा में निश्चित रूप से जातक के जीवन में भवन निर्माण योग बनता है!

7. यदि मंगल चतुर्थ भाव में स्व ग्रही हो करके विद्यमान होता है तो जातक के लिए शुभ नहीं होता है क्योंकि जाति के जीवन में भवन निर्माण योग तो बनता है लेकिन साथ ही मंगल अग्नि कारक ग्रह है अतः जातक के जीवन में कष्ट परेशानियां अधिक मात्रा में प्रदान करने वाला होता है!

8. इस प्रकार जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी 1,4, 7 ,10 भाव में विद्यमान होता है तो जातक के जीवन में निश्चित रूप से सुंदर सा भवन निर्माण बनने का योग बनता है!

9. चतुर्थ भाव के स्वामी की दशा अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा में शुभ ग्रहों की संगति होने पर उसी समय मे जातक के जीवव मे भवन निर्माण योग बनता है!

10. चतुर्थ भाव के  स्वामी का त्रिकोण  में मित्र राशि में स्थित होने पर भी जातक के जीवन में भवन निर्माण योग बनता है!

          -:भवन निर्माण के ज्योतिषीय उपाय:-


 जैसा कि हमने जाना कि हमारे जीवन में मकान या भवन का कितना अधिक महत्व होता है यदि भवन निर्माण में किसी प्रकार की रुकावटें आ रही है बार-बार विचार करने पर भी भवन निर्माण का योग नहीं बन पा रहा है या बना बनाया योग बिगड़ जाए तो  विद्वानों ने अनेको उपाय भी बताए हैं जिनमें से कुछ भवन निर्माण के उपाय यहां पर दिए जा रहे हैं जिनको करके भवन निर्माण में आ रही रुकावटें दूर करके हम भी हमारे सपनों के महल को साकार बनाकर के खुशहाल जीवन जी सकते हैं


1. यदि हमारे जीवन में भवन निर्माण में बार-बार रुकावट आ रही है तो हमें प्रत्येक रविवार को गौ माता को चपाती में गुड लगा कर खिलाना है और ऐसा जब तक करते रहना है जब तक हमारी जीवन में भवन निर्माण का योग ना बन जाए निश्चित रूप से बहुत जल्दी ही हमारे जीवन में भवन निर्माण में आ रही रुकावटें दूर हो कर सुंदर भवन निर्माण योग बनता है



2. यदि लाख जतन करने पर भी भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ करते करते रुक जाता है या योग ही नहीं बन पा रहा है तो एक लकड़ी का घर  खरीद कर लाना चाहिए और उसे पूजा स्थल के में ईशान कोण में रखकर के प्रत्येक रविवार को तेल का दीपक जलावे और तेल में थोड़ा सा कपूर मिला  देवे  ऐसा करने से निश्चित रूप से हमारा मनोरथ पुरा होता है!



3. भवन निर्माण की मनोकामना से भगवान गणेश जी को नित्य  दुर्वा  अर्पण करें और प्रत्येक बुधवार को सिंदूर चढ़ाकर के मोदक का भोग लगाएं भगवान गणपति से अपनी मनोकामना की अर्जी लगाएं निश्चित रूप से हमारी मनोकामना पूर्ण होती है




4 तीर्थ स्थल के सुप्रसिद्ध मंदिर या अपने इष्ट देव के मुख्य स्थान पर जाकर के पत्थर के टुकड़ों से छोटा सा घर बना कर आए और ईश्वर से प्रार्थना करें कि हे प्रभु हमारी भी भवन निर्माण की मनोकामना पूर्ण करें निश्चित रूप से एक दिन हमारा मनोरथ पूर्ण होता है!


5. जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव को बल प्रदान करने के नियमित ज्योतिषी उपाय करें व चतुर्थ भाव को बहुत अधिक बली बनाए जिससे भवन निर्माण में आने वाली रुकावटें दूर होगी और शीघ्र ही हमारे अनकुल भवन का निर्माण होगा

6. पवन तनय बल पवन समाना बुद्धि विवेक विज्ञान  निधाना

कवन सो काज कठिन जग माही जो नहीं होय तात तुम पाही!!


इस मंत्र का नित्य हनुमान जी के समक्ष बैठकर के 108 बार जाप करें निश्चित रूप से हनुमान जी हमारा मनोरथ पूर्ण करते हैं

7. अपने घर में सी चिड़िया  द्वारा घोसला बनाए जाने पर उसे नहीं बिगाड़े क्योंकि जब भी पक्षी हमारे रहने वाले वर्तमान घर में अगर घोंसला बनाते हैं तो यह संकेत मिलता है कि हमारा भी बहुत जल्दी ही सुंदर सा भवन बनने वाला है

8. अपनी कुलदेवी या माता रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए 6 कोडिया  6 मुट्ठी मिट्टी 6 बिंदिया कुमकुम की डिब्बी एक लाल वस्त्र में बांधकर के माता रानी के चरणों में अगरबत्ती लगा करके अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें और फिर उस पोटली को किसी भरते हुए जलाशय में बहा देना चाहिए

9. अपने पूजा स्थल में कश्यप अवतार भगवान का चित्र लगाएं और उनकी नित्य स्तुति वंदन करें

10. सकल मनोकामना सिद्धि यंत्र सिद्ध करवा करके अपने पास रखें निश्चित रूप से हमारा मनोरथ पूर्ण होता है!







जानिए ज्योतिष वास्तु से संबंधित अपने जीवन की समस्याओं का समाधान---


क्या आपके कार्य में बार-बार रुकावट आ रही है ?

क्या लाख जतन करने पर भी आपका मनोरथ सिद्ध नहीं हो रहा है ?


लाखों रुपए कमाने पर भी पैसा आपके पास नहीं रुक पा रहा है !

क्या कर्ज का बोझ बढ़ता  जा रहा है ?

क्या आपको कोई ब्लैकमेल कर रहा है ?

शत्रु आप को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है,?


 तो जानिए हमसे आपकी समस्या का समाधान


आचार्य श्री कौशल कुमार शास्त्री 

           (कथावाचक व ज्योतिषी )

वैदिक ज्योतिष शोध संस्थान 

चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर 

राजस्थान 9414 6572 45

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