नवमांश कुंडली देखना(D.9 chart study)

 नवमांश कुंडली विवेचन-:

जन्म कुंडली विश्लेषण में नवमांश कुंडली का सर्वाधिक महत्व होता है। क्योंकि नवमांश कुंडली के द्वारा ही हम ग्रहों के वास्तविक स्वरूप को समझ पाते हैं। नवमांश कुंडली मुख्य रूप से जातक के दांपत्य जीवन का सूक्ष्म विश्लेषण करने के लिए देखी जाती है। तो आइए जानते हैं कि नवमांश कुंडली किस प्रकार देखी जाए और उसका क्या महत्व होता है?

नवमांश कुंडली कब देखें?

नवमांश कुंडली में हमें उस स्थिति में इंटर करना चाहिए, जब हम जातक की जन्म कुंडली के  चार्ट  में सप्तम भाव को कमजोर पाए अर्थात यदि जन्म कुंडली का सप्तम भाव बिगड़ा हुआ हो जैसे सप्तमेश नीचे राशि में विद्यमान हो अथवा सप्तम भाव में पाप ग्रह विद्यमान हो अथवा सप्तम भाव का स्वामी छ आठ बारह भाव में विद्यमान हो, अतः उस स्थिति को कंफर्म करने के लिए हमें डि 9चार्ट में इंटर करना चाहिए अर्थात नवमांश कुंडली देखनी चाहिए। यदि हमारी जन्म कुंडली में सप्तम भाव की स्थिति स्ट्रांग हो उस स्थिति में नवमांश कुंडली में जाने की आवश्यकता नहीं होती है।

नवमांश कुंडली में क्या क्या देखें?

जब जातक की जन्म कुंडली का सप्तम भाव की स्थिति ठीक नहीं होती है और हमें ज्ञात हो रहा है कि जातक का दांपत्य जीवन ठीक नहीं होगा। उसी स्थिति में हम जातक की नवमांशकुंडली का अध्ययन करते हैं। और नवमांश कुंडली में हम मात्र मुख्य रूप से नवमांश कुंडली का लग्न भाव व नवमांश कुंडली के सप्तम भाव का विवेचन करते हैं। 
१, लग्नेश कहां विद्यमान है।
२, लग्न में कौन-कौन से ग्रह विद्यमान हैं।
३, नवमांश कुंडली का सप्तमेश कहां स्थित है।
४, सप्तम भाव में स्थित ग्रह
५, लग्नेश व सप्तमेश की डिग्री

नवमांश कुंडली का फल कैसे कहें?

१,नवमांश कुंडली में एंटर होकर सबसे पहले हम नवमांश के लग्नेश देखेंगे की नवमांश का लग्नेश यदि योगकारक होकर अच्छे भाव में विद्यमान हो और उसकी डिग्री अच्छी हो तो अति शुभ होता है।
२, लग्न भाव में शुभ ग्रह योगकारक होकर विद्यमान हो।

३, सप्तम भाव का स्वामी योगकारक होकर अच्छे भाव में विद्यमान हो।

४, सप्तम भाव में योगकारक ग्रह विद्यमान हो।


५, लग्नेश व सप्तमेश नीच राशि में स्थित नहीं हो।

६, लगन व सप्तम भाव में स्थित ग्रह  नीच राशि में स्थित नहीं 
हो

७, लग्न भाव का स्वामी व सप्तम भाव का स्वामी 6 8 12 भाव में विद्यमान नहीं हो


यदि नवमांश कुंडली में उपर्युक्त स्थिति विद्यमान हो तो अति शुभ फलदायक होती है भले ही जातक की जन्म कुंडली का सप्तम भाव बिगड़ा हुआ क्यों नहीं हो।


नवमांश की बिगड़ी हुई स्थिति क्या होती है?


१, नवमांश कुंडली का लग्नेश व सप्तमेश नीच राशि में स्थित हो
२, नवमांश का लग्नेश व सप्तमेश6 8 12 में स्थित हो।
३, नवमांश का लग्नेश व सप्तमेश सूर्य से अस्त हो।

४, नवमांश के लग्न व सप्तम भाव में मारक ग्रह विद्यमान हो।

यदि उपयुक्त स्थिति नवमांश कुंडली में बनती है तो निश्चित रूप से जातक का दांपत्य जीवन में अत्यधिक कष्ट आते हैं।



आचार्य श्री कौशल कुमार शास्त्री
9414657245



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