क्या आपका बच्चा डॉक्टर बनना चाहता है?

 
मेडिकल एस्ट्रोलॉजी

डॉक्टर बनने का योग -:

नमस्कार मित्रों!

हम सब मात पिता का सपना होता है कि हमारे बच्चे डॉक्टर इंजीनियर प्रशासनिक अधिकारी या एक सुव्यवस्थित जॉब करने वाले बने। अतः जैसे ही बालक बारहवीं बोर्ड एग्जाम पास करता है तो हम सबकी चिंता होती है कि बच्ची को किस लाइन में भेजा जाए अथवा बच्चे का किस लाइन में इंटरेस्टेड है। वह क्या बनना चाहता है?
इस प्रकार कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे का इंटरेस्ट होता किसी और विषय में है और उसे दूसरे क्षेत्र की पढ़ाई करना पड़ जाती है। जिससे बालक का कैरियर सही रूप से  नहीं बन पाता है। जन्म कुंडली में यदि बालक के ग्रह योगों का निर्माण जिस क्षेत्र के बन रहे होते हैं। उसी के आधार पर  बालक को कैरियर का चयन करना चाहिए। क्योंकि जन्म कालीन ग्रह नक्षत्रों से ही जातक का स्वभाविक रूप से किसी विशेष विषय में रुचि उत्पन्न होती है।  फिर  भले ही वह किसी दूसरे क्षेत्र में अपना कैरियर बना चुका हो किंतु अपनी सहज रुचि जो कि ग्रह नक्षत्रों से उसे मिली है वह उसको नहीं छोड़ पाता है। तथा जिस क्षेत्र में सहज रुचि होती है उस क्षेत्र में बालक जितनी उन्नत बुलंदियों को छू सकता है वह किसी दूसरे ने क्षेत्र में नहीं कर सकता।

इस प्रकार आज हम विशेष प्रकार से  बालक की जन्म कुंडली में डॉक्टर बनने के योग के विषय में चर्चा करने जा रहे हैं कि जातक की जन्मकुंडली में डॉक्टर बनने का योग है? क्या बालक जीवन में डॉक्टर बन पाएगा?



तो आइए जानते हैं डॉक्टर बनने का योग किस प्रकार जन्म कुंडली में निर्मित होता है?

महर्षि पाराशर ने सूर्य देव शनि देव व राहु देव को डॉक्टर ग्रह की संज्ञा प्रदान की है। क्योंकि सूर्य देव हमारे शरीर में ऊर्जा ताकत शनिदेव नर्वस सिस्टम बनाते है। जिस जातक की जन्म कुंडली में सूर्य देव शनि देव और राहु देव स्ट्रांग स्थिति में होकर योगकारक बनते हैं तो निश्चित रूप से जातक एक बहुत बड़ा विशेषज्ञ डॉक्टर बनता है। अतः पंचम भाव दशम भाव में सूर्य शनि की युति लग्न में सूर्य शनि की युति या दष्टि संबंध का निर्माण होता है। अथवा जातक के अध्ययन काल में सूर्य, शनि राहु की दशा अंतर्दशा का सहयोग बनता है तो उस समय जातक डॉक्टरी का कंपटीशन फाइट करता है। इस प्रकार जन्म कुंडली में यदि राहु शनि और सूर्य देव योगकारक होकर के पंचम भाव नवम भाव दशम भाव  में विद्यमान होते हैं। तो निश्चित रूप से ज्यादा डॉक्टर के क्षेत्र में सफलता अर्जित करने वाला होता है।

अतः बालक को केरियर का चयन करते समय अपनी जन्म कुंडली से अपनी रुचि अभिरुचि इंटरेस्ट  को निश्चित रूप से जाना चाहिए। इसके बाद ही अपने कैरियर की दिशा का चयन करना चाहिए।

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एस्ट्रोलॉजर आचार्य केके शास्त्री
 वेदिक ज्योतिष शौध संस्थान
 चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर
 राजस्थान 9414 657245


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