दशमांश कुंडली अध्ययन पार्ट १

दशमांश कुंडली का सूक्ष्म विवेचन पार्ट १ -:


नमस्कार मित्रों!
आज  युवाओं के सामने प्रशन होता है कि वह अपने लाइफ में कौन सा कार्य क्षेत्र का चयन करें, कौन सा कार्य करें, जिसमें उन्हें अच्छी उन्नति प्राप्त हो सके। इन प्रश्नों का जवाब वैदिक ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली के दशम भाव से देखा जाता है। क्योंकि जन्म कुंडली का दशम भाव व्यक्ति का प्रोफेशनल हाउस होता है। जिससे देखा जाता है कि जातक अपनी लाइफ में कौन सा कार्य करता है। किंतु जब हम दशम भाव की विस्तार से अध्ययन करते हैं या दशमांश भाव को सूक्ष्म अध्ययन करना होता है तो हमें षोडश स्वर्गीय चार्टो में  दशमाशं चार्ट को देखना होता है। जिसे अंग्रेजी में d10 चार्ट कहते हैं। तो आज हम प्रोफेशनल हाउस का सूक्ष्म अध्ययन करने के क्रम में दशमांश कुंडली के अध्ययन करने के तरीके को जानेंगे कि कैसे हम दशमांश कुंडली देखते हैं। आज हम बहुत ही सरल तरीके दशमांश कुंडली का अध्ययन करने के तरीके के बारे में जानेंगे।

दशमांश कुंडली देखने का तरीका -;

१, दशमांश कुंडली जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे प्रोफेशनल कार्य क्षेत्र का सूक्ष्म अध्ययन होता है। इसमें प्रथम भाव जो लगन होता है दशमांश का वह आपका व्यक्तित्व को रिप्रेजेंट करता है। दशमांश का लग्न बलवान होना लग्नेश का अच्छे भाव में जाना आपकी पॉजिटिव थॉट को दर्शाता है। मतलब लग्न से हम देखेंगे कि आपका आपके कार्य के प्रति कैसी सोच है कैस धारणा है। क्योंकि होता ना कि एक व्यक्ति ऐसा होता है कि अपने काम को बहुत ही लग्न से करता है दूसरा व्यक्ति ऐसा होता है जो अपने कार्य को लगन से ना करके लापरवाही करते हैं। ये हम  लग्न से देखते हैं।

२, दशमांश कुंडली का दूसरे भाव से हम हमारे कार्य में सेविंग को देखते हैं बचत को देखते हैं। दशमांश कुंडली के दूसरे भाव से हम वाणी को देखेंगे कि हमारी बिजनेस क्षेत्र में हमारी वाणी कैसी होती है। हम कैसे लोगों के साथ में व्यवहार करते हैं। साथ ही साथ आपकी बिजनेस में आपके प्रोफेशनल कार्य में आपको कितना लाभ होता है। आपकी सेविंग क्या रहेगी। यह सारी चीजें हम दूसरे भाव से देखते हैं। यदि दूसरे भाव का स्वामी अच्छे स्थान पर हो शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो हमारी सेविंग अच्छी होती है। हमारा व्यवहार अच्छा होता है तो दूसरे भाव की स्थिति पर यह सारी चीजें निर्भर करती है।


३, दशमांश कुंडली के तीसरे भाव से हम हमारी मेहनत को देखेंगे। हमारे कॉन्फिडेंस को देखेंगे।
 हमारे स्ट्रगल को देखा जाता है कि हम हमारे बिजनेस में हमारे कार्य में  कितना मेहनत करते हैं। यदि तीसरे हाउस का स्वामी पॉजिटिव हो तीसरा होऊश पॉजिटिव हो इसका मतलब है कि आप कम मेहनत में भी अच्छा कर लेते हैं किंतु तीसरे भाव की नेगेटिव स्थिति होती है इसका मतलब है कि आप बहुत अधिक मेहनत करते हैं। बहुत अधिक मेहनत करने के बावजूद भी उसके कोडिंग अच्छा लाभ आपको नहीं मिल पाता है।


४, इसी प्रकार दशमांश कुंडली का चतुर्थ भाव दर्शाता है कि आप अपने बिजनेस से अपने कार्य से कितने सुखी हैं। आपके बिजनेस में आपके मित्रों का कितना सपोर्ट आपको मिलता है। यह चतुर्थी भाव से देखेंगे।

५, दशमांश कुंडली के पंचम भाव से हम देखते हैं की बिजनेस में हमारे कार्य में हम कितनी बुद्धि लगा पाते हैं। हमारी कितनी इंटेलिजेंट सी है। हमारी थॉट किस प्रकार की है। हम कितना कुछ बुद्धि का उपयोग करके बिजनेस को बढ़ा सकते हैं। अतः आपका पंचम भाव पॉजिटिव है। पंचमेश पॉजिटिव है। शुभ ग्रहों से दृष्ट है। शुभ भाव में प्लेसमेंट है तो इसका मतलब है कि आप अपने कार्य क्षेत्र पर बहुत ही पॉजिटिव थॉट के साथ आगे बढ़ सकते हैं। आपकी बुद्धि  उन्नत है आपके कार्य के लिए।

६, षष्टम भाव आपकी प्रतियोगिता को दर्शाता है। छठे भाव से हम देखेंगे कि हमारा मार्केट में कितना प्रतिस्पर्धा रहेगी। हमारा उधारी की क्या स्थिति रहेगी। हमारे प्रतिद्वंदी के साथ कैसा रह पाएगा। यह आपका छठा भाव दर्शाता है। यदि छठा भाव पॉजिटिव है तो इसका मतलब है कि आपके प्रतिद्वंदी आप से कम रहेंगे। आपकी उधारी कभी भी नहीं डूबेगी। ओर  छठा भाव निर्बल है तो इसका मतलब है कि आपके प्रतिद्वंदी आप पर हावी रहेंगे। आपका पैसा आपक उधारी डूब सकती है।


७, दशमांश कुंडली का सप्तम भाव आपकी पार्टनरशिप को दर्शाता है कि आप के बिजनेस में जो पार्टनर हैं उनके साथ आपकी कैसी रहती है। यदि सप्तम भाव  पॉजिटिव है तो सब ठीक रहता है। और यदि सप्तम भाव की स्थिति नेगेटिव होती है। तो पार्टनरशिप में अच्छा नहीं होता है। इसी के साथ आपकी डैली इनकम को भी यहां से देखा जाता है।


८, दशमांश का अष्टम भाव से देखा जाता है कि व्यक्ति को अपने प्रोफेशनल अथवा बिजनेस में अपमान कष्ट या बड़ा लॉस तो नहीं होगा। यह सारी चीजें देखी जाती है।


९, दशमांश के नवम भाव से देखा जाता है कि आपका भाग्य कैसा है। आपके भाग्य का कितना सपोर्ट आपको आपके कार्यक्षेत्र पर मिलता है। यह सब आपके नवम भाव के पॉजिटिव और नेगेटिव स्थिति पर निर्भर करता है।


१०, दशमांश कुंडली का दशम भाव आपके कार्य को रिप्रेजेंट करता है कि आप अपनी लाइफ में कौन सा कार्य करते हैं। अतः दशम भाव यदि पॉजिटिव होता है दशमेश की स्थिति अच्छी होती है तो ऐसे जातक बहुत ही अच्छा जॉब बिजनेस करते हैं। अतर चातक कौन सा कार्य करेगा उसका कार्य कैसा रहेगा यह सारी चीजें हम दशमांश कुंडली के दशम भाव से देखते हैं।


११, दशमांश कुंडली के एकादश भाव से हम हमारी कमाई को देखते हैं। कि हम जो कार्य कर रहे होते हैं। उसमें हमारी कमाई क्या रहेगी, हमारी लाभ की स्थिति क्या रहेगी। इस प्रकार एकादश भाव से हम जातक की लाभ की स्थिति को देखते हैं।


१२, दशमांश कुंडली के बारह भव से हम देखते हैं कि विदेश से हम बिजनेस कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं। बिजनेस को लेकर हमारी लाइफ में कोई कोर्ट कचहरी का मामला तो नहीं आने वाला है। या कोई बड़ा नुकसान तो नहीं है यह सारी चीजें हम ट्वेल्थ हाउस से देखेंगे।

नोट -

तो आज की चर्चा में हमने सामान्य तो जाना कि हम दशमांश कुंडली के द्वादश भाव में बिजनेस या हमारे जॉब के बारे में कैसे देखा जाता है। दशमांश कुंडली अध्ययन के सेकंड पार्ट में हम जानेंगे कि कार्य क्षेत्र का निर्णय कैसे किया जाता है।


आचार्य कौशल कुमार शास्त्री
 वैदिक ज्योतिष शोध संस्थान 
चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
राजस्थान 9414 6572 45









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