चंद्रमा से बनने वाले कुछ प्रमुख विशिष्ठ योग

 चंद्रमा से बनने वाले कुछ प्रमुख विशिष्ट योग-:

जन्म कुंडली में चंद्रमा एक प्रमुख ग्रह होता है। चंद्रमा मन का कारक होता है और एस्ट्रोलॉजी में चंद्रमा को रानी की उपमा दी गई है। चंद्रमा मन का कारक होने के कारण हमारे शरीर में सभी इंद्रियों पर नियंत्रित रखता है। इस कारण से चंद्रमा का पॉजिटिव होना जरूरी होता है। यदि चंद्रमा पॉजिटिव हो तो हमारा जीवन भी पॉजिटिव होता है। आज की चर्चा में हम चंद्रमा से बनने वाले कुछ प्रमुख योगी की चर्चा करेंगे जिनका जन्म कुंडली में बहुत अधिक प्रभाव होता है। लिए चर्चा को आगे बढ़ते हैं।

१, अनफायोग -;

यदि जन्म कुंडली में चंद्रमा से गणना करने पर दूसरे भाव में कोई ग्रह हो और द्वादश भाव में कोई भी ग्रह ना हो तो अनफा नाम का योग बनता है।


२,सुनफा योग -:

इसी के विपरीत यदि चंद्रमा से दूसरे हाउस में कोई ग्रह नहीं हो और द्वादश भाव में कोई ग्रह हो तो सुनाफा नाम का योग निर्माण होता है।

३, दुर्धरा योग -:



 इसी प्रकार चंद्रमा से दूसरे हाउस में और द्वादश हाउस में गृह विद्यमान हो तो दुर्धरा नाम का योग निर्माण होता है।


४, केमद्रुम योग -:

इसी प्रकार यदि चंद्रमा के द्वादश भाव में और दूसरे भाव में कोई भी ग्रह नहीं हो तो यह केंद्रम नाम का योग का निर्माण होता है।




फल -;
इन चारों योगों में से ऊपर के तीन योग अच्छे होते हैं जिनमें जन्मा व्यक्ति को मान-सम्मान यश प्राप्ति होती है। किंतु चौथे नंबर का केमद्रुम योग में जन्मा व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसमें व्यक्ति को एकांकी जीवन जीना होता है या डिप्रेशन भावुक जैसी चीजों से ज्यादा सामना करना होता है। इस कंडीशन में व्यक्ति को चंद्रमा को पॉजिटिव करने के उपाय करना चाहिए। इसका रीजन होता है कि जिस प्रकार से माता शिशु को अकेला नहीं छोड़ सकती वैसे चंद्रमा भी उस शिशु के समान होता है। अगर इसके आगे और पीछे या साथ में कोई ग्रह नहीं होता है तो वह उसे शिशु के समान अपने आप को कंफर्टेबल महसूस नहीं करता है। जिससे हमारा मन पीड़ित होता है। डिप्रेशन भावुकता एकांकी पर उदासीनता जैसे प्रॉब्लम लाइफ में बन जाते हैं।

एस्ट्रोलॉजर अचार्य के के शास्त्री
9414657245


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