दशमांश कुंडली देखने का तरीका

दशमांश कुंडली से जाने आपना कैरियर कार्यक्षेत्र -:

जैसा कि हम जानते हैं कि जन्म कुंडली के माध्यम से हम हमारी करियर कार्यक्षेत्र को जानने के लिए कुंडली का दशम भाव को रीड करते हैं। हम जैसा की कार्य क्षेत्र से सीधा-सीधा मतलब आजकल हम हमारे करियर से लेते हैं। करियर का मतलब जिस कार्य से हमें अर्निंग प्राप्त होती है। उसको हम अपने करियर मान लेते हैं। किंतु अब प्रश्न यह उठता है कि जैसे महिलाएं होती है जो घर संभालती है क्या उनकी लाइफ में कोई करियर या कोई कार्य सेक्टर नहीं है। क्या वह कोई कार्य नहीं करती है। क्योंकि कार्य तो वह करती है। जैसे घर संभालती है बच्चों को केयर करती है और भी घर पर बहुत सारी कार्य करती हैं जो वह संभालती है। इसी प्रकार जैसे कोई रिक्वायरमेंट व्यक्ति होता है। क्या आप उसका कोई करियर नहीं क्या उसका कोई कार्य सेक्टर नहीं है। इस प्रकार यह सिद्ध होता हैं। करियर कार्य सेक्टर का मतलब अंरनींगग से नहीं होता है कि आप जिस कार्य से अरनींग करें, वही आपका कार्य सेक्टर है । अपि तु कार्य सेक्टर में वो सभी कार्य आते हैं जो लाइफ में आप करते हैं। इसलिए पहले हमें किसी भी डिवीजन चार्ट को देखने से पहले जन्म कुंडली का डीवन चार्ट को ओवरऑल रीड करना होता है और उसी के आधार पर हम डिवीजन चार्ट में जाते हैं।

अब जानते हैं कि कार्य सेक्टर और दसवांश कुंडली का किस प्रकार से गहरा संबंध है। 10 मांस कुंडली आपकी कार्य शैली को रिप्रेजेंट करती है कि आप किस तरह का कार्य करते हैं। किस तरह का कार्य आपको पसंद होता है। किस तरह का कार्य करना आप नहीं चाहते हैं। किस तरह के कार्य को आप जल्दी करते हैं और किस तरह के कार्य को करने का मन नहीं करता है ।यह सारी चीज आपकी दसवांश कुंडली आपको दिखा देती है।



इस प्रकार जन्म कुंडली के अलावा शोडष वर्ग कुंडलिया होती 
 है। जो हमारे अलग-अलग सेक्ट को रिप्रेजेंट करती है। इन वक्र कुंडलियों में एक वर्ग कुंडली होती है दशमांस कुंडली जो हमारे करियर कार्य सेक्टर को दिखाती है। किंतु इसके लिए डायरेक्टर 10 मांस कुंडली। देखना नहीं होता है। पहले हमें जन्म कुंडली को पढ़ना होता है। उसके करियर हाउस को रीड करना होता है।





दशमांस कुंडली को देखने से पहले हमें मुख्य रूप से इस सूत्र को देखना होता है।

 जैसे कि हम जानते हैं कि अलग-अलग राशियों का स्वभाव और धर्म होता है। राशियों में कुछ अग्नि तत्वों की राशियां होती है कुछ जल तत्व की और कुछ वायु तत्व की राशियां होती है। इसी प्रकार से काल पुरुष की कुंडली में कुछ रशियन कर्ता राशियां होती है‌ जो आपके कर्तापन को दिखाती है जो दिखती है कि आप में जो कर्तापन का भाव होता है जैसे कि हम सोचते हैं कि हम ही उसे कार्य को कर सकते हैं। हमारे बिना वह कोई कार्य दूसरा नहीं कर सकता है ।ऐसा भाव जो दिखती है उन राशियों को कर्ता राशियां कहते हैं। अब काल पुरुष की जन्म कुंडली में मेष और मकर राशि को कर्ता राशि कहा गया है। इसी प्रकार राशियों के बाद में कुछ भाव भी कर्ता भाव होते हैं जो आपके कर्तापन को रिप्रेजेंट करते हैं। और वह भाव होते हैं 3 6 10 11 जिन्हें उपचयभाव कहा जाता है। यह चार भाव आपके कर्तापन को दिखाते हैं। आपकी कार्य शैली को दिखाता है।
कर सकते हैं ।

अब 10 मांश कुंडली में हम इन दोनों सूत्रों को कैसे अप्लाई करेंगे 

देखिए 10 मांश कुंडली देखने से पहले आपको अपनी जन्म कुंडली का डी वन चार्ट देखना है। और जन्म कुंडली में आप अपने दशम भाव को देखिए। और देखें की दशम भाव में कौन सा ग्रह बैठा है।

उदाहरण से समझते हैं 


जैसे मानो कोई पत्रिका है उसके जन्म कुंडली के दशम भाव में बुध बैठा होता है। अब हम बुद्ध को हमारी दसवांश कुंडली में देखते हैं। तो हमने देखा कि वह बुद्ध दसवांश कुंडली में मकर राशि में सिक्स हाउस में बैठा है। अब यहां पर मकर राशि और सिक्स हाउस दोनों ही कर्ता राशि और कर्ता भाव होते हैं। अब हमें वापस से जन्म कुंडली में देखना होगा कि बुद्ध किस-किस हाउस का स्वामी है। तो हमने देखा कि बुद्ध जन्म कुंडली में पंचम भाव और अष्टम भाव का स्वामी होकर के दशम भाव में बैठा था। अब स्पष्ट हो जाता है कि जातक को जीवन में पंचम भाव और अष्टम भाव से संबंधित कार्य सेक्टर में अपने को खुद से प्रयास करना पड़ेगा। सरलता से वह चीज नहीं मिलेगी। क्योंकि वहां पर कर्तापन होगा। अब क्या होगा क्योंकि जैसे पंचम भाव से संबंधित जातक को जैसे पढ़ाई में बहुत ज्यादा मेहनत करना होगा। बहुत ही कठिन प्रयास करेंगे। तभी आपका एजुकेशन होगा। इसी प्रकार से अष्टम भाव में आपको जो पैतृक संपत्ति को रिप्रेजेंट करता है कि भाई आपको पैतृक संपत्ति मिलेगी किंतु इसके लेकर आपको स्ट्रगल करना पड़ेगा ।

इसी प्रकार से मान लीजिए यदि जन्म कुंडली के दशम भाव में कोई ग्रह नहीं है तो आप उसे राशि के स्वामी को देख लीजिए कि वह 10 मांस कुंडली में क्या स्थिति में है। और इसी कंडीशन में यदि दशम हाउस में जन्म कुंडली में के दो से अधिक ग्रह हैं तो उनमें से वह स्थिति देखी कि कौन से ग्रह आपके करता भाव और करता राशि में आए हैं।

उसके अकॉर्डिंग आप अपना फल कर सकते हैं।



एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री

9414657245







Post a Comment

0 Comments