मांगलिक योग की भ्रांतियां

 मांगलिक योग भ्रांतियां -:





नमस्कार मित्रों!
आज की चर्चामें हम मांगलिक दोषको लेकर विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां बनरही होती है। उनको लेकर चर्चा करेंगे। आईऐ आज की विशेष चर्चा को आगे बढ़ते हैं।

१, भ्रांति नंबर 1 -:


मंगल को लेकर के लोगों में भ्रांति होती है कि साउथइंडियन कलर में एक दो चार सात आठ और 12 में मंगलबैठा हो तो मांगलिक दोष बनता है। जबकि ईस्ट में हम सेकंड हाउस में बैठे मंगल को  मांगलिक नहीं मानते हैं। इस कंडीशन में यदि साउथका जातक और ईस्ट का जातक आपस में शादी कर रहे होते हैं तो उसमें उनके चार्ट में अलग-अलग प्रेडिक्शन करेंगे।


सत्यता -: 
इस केस में सत्यता यह होती है कि वह दोनों ही गलत होते हैं जो इस प्रकारका प्रेडिक्शन कर रहे हैं। क्योंकि मांगलिक दोष जब बनता है जब मंगल सैक्स हाउस को संबंध बनाता है तो उस कंडीशनमें मांगलिक दोष बंताहै। क्योंकि मंगल सेक्स ऊल डिजाईर है। जब किसी जातककी जन्म कुंडली में मंगल सेक्स हाउस से संबंध बनाता है तो उसे कंडीशन में मांगलिक दोष बन जाता है। मतलब उस जातक की सेक्स डिजायर ज्यादा होगी। अब जन्मकुंडली में सेवंथ हाउस एंड 8टथ हाउस सेक्सहाउस होते हैं। इसलिए  जब मंगल लग्न में होता है। तो सातवीं दृष्टि से सप्तम और आठवीं दृष्टि से अष्टम हाउस को देखा है। तो यहां पर जातक के मांगलिक दोष बन गया । इस प्रकार मंगल जब सेकंड हाउसमें बैठते हैं। अपनी सातवीं दृष्टि से अष्टम हाउस को देखेंगे जिस कारण मांगलिक दोष हो गया। मंगल जब 4th हाउस में बैठते हैं तो चौथी दृष्टि से सप्तम हाउस को देखेंगे तो मांगलिक दोष हो गया। सप्तम हाउस में बैठेंगे तो ऑलरेडी वहां बैठने से मांगलिकदोस् बन गया। अष्टम भाव में बैठेंगे तो वहां बैठने से मांगलिकदोष बन गया। इसीप्रकार 12th हाउस में बैठकर मंगल 8वींदृष्टि से सप्तम हाउसको देखेंगे तो मांगलिक दोष बन गया। इस प्रकार यहां पर साउथ ईस्ट का कोई लेख नहीं होता है कि हमारे शास्त्रमें ऐसा  कहीं पर भी नहीं लिखा है कि कोई योग दक्षिण में लागू होगा और उत्तर भारत में लागू नहीं होगा। इसलिए जन्म कुंडली में  मंगल 1 2 4 7 8 12 हाउस में हो तो मांगलिक दोष होता हैं। क्योंकि जबभी मंगल  इन हाउस का से संबंध बनता हैतो उसे व्यक्ति की सेक्स डिजायरज्यादा होती है। 


२ भ्रांति नंबर २ -:


आजकल एक भ्रांति यह भी होती है।की कह दिया जाताहै कि मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है।


सत्यता -:
बाकी सत्यता यह होती है। ऐसा नहींहै कि मांगलिक दोष समाप्त होजाएगा। जैसा की जन्म कुंडली में बहुत सारे योग होतेहैं। मालवीययोग हंस योग गजकेसरी योग आदि। क्या इन योगों का भी कभी प्रभाव कम होता है या यह योग किसी एक निश्चित ऐज में समाप्त होजाता है। उत्तर होगा नहीं। तो इसी प्रकार से आपका मांगलिक दोष भी कभी काम नहीं होता है। हां इतना जरूर होता है। 28 इयर्स ऐज के बाद में व्यक्तिकी सेक्स डिजायर सेक्सकंपैटिबिलिटी सेक्स हारमोंस काम होने लगता हैं। तो यहां पर उसका सेक्स डिजायर तो काम होगा। किंतु यहां पर देखने वाली बात यह होती है। इसको उदाहरण से समझिए।।

जैसे कोई ए नाम का व्यक्ति है जो की मांगलिक है। इसलिए उसका सेक्स डिजायर्स हंड्रेड परसेंट होगा। दूसरा व्यक्ति बी  नाम का जो नों मांगलिक है। इसलिए उसका सेक्स डिजायर 70% है। इसलिए जब इन दोनों का विवाह करवा दिया जाएगा तो सेक्सकंपैटिबिलिटी नहीं रहेगी जिससे विवाहित जीवन में प्रॉब्लम  उत्पन्न होता है। किंतु जैसा की कहा गया कि उनका 28 की आयु में सेक्स डिजायर सेक्सकंपैटिबिलिटी कम होजात है। तो मान लीजिए जब यह कपल 28 क्रॉस करेंगे। तो ए नाम के जातक का सेक्स कंपैटिबिलिटी 100 से 85 होजाएगा इस प्रकार भी जातक का 70 से 55 पर आ जाएगा। तो यहां काम क्याहो रहा है दोनों। दोनों का एवरेज तो वहीं सेम से चल रहा है। इसलिए यह एक भ्रांति है कि 28 के बाद मांगलिकदोष 

समाप्त हो जाता है जबकि ऐसा नहीं है। दूसरा कारणइसलिए भी कह दिया जाताज्है््् कि। 28 के बाद मेचुरलिटी बढ़ जाती है। बाकी मांगलिक दोष खत्म नहीं होताहै।


इसलिए मांगलिक का मांगलिक से शादी करना ही सबसे बेहतर उपाय होता है। और उसमें भी दोनों के मांगलिक का डिग्री वाइस बल देखना जरूरी है।


एस्ट्रोलॉजर अइचार्य के के शास्त्री
9414657245



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