विवाह में देरी के कारण

विवाह में देरी के कारण -:




नमस्कार मित्रों। 
आज की ज्योतिष चर्चा में हम एक महत्वपूर्ण विषय को लेकरचर्चा करने वाले हैं। आज की चर्चा का विषय है शादी में विलंबताका कारण क्या है। जैसाकी  हम देखते हैं कि कुछ जातक जातिका 35 वर्ष की अवस्था होने जाती है फिरभी शादी नहीं हो रही है। आज हम इसी विषय को लेकर के बात करनेजा रहे होते है। आज हम जानेंगेकि ऐसे कौन सेकारण होते हैं। जिस कारण शादी में इतनी विलंबता होती है। जनरली तो आजकल कुछ ऐसे भी कारण होते हैं कि जब व्यक्ति की शादी का योग बन रहा होता है चार्ट में उसे समय जातक लाइफ में सेटल नहींहोन के करण शादी नहीं कर पाता है और विलंबता होजाती है। और एक निश्चित उम्र निकलजाने पर पर रिश्तामिलने में प्रॉब्लम होती है। 


किंतु एस्ट्रोलॉजी के एंगलसे अगर हम देखेंगे तो कुछ ऐसे कारण होतेहैं जो शादीमें  देरी कारण बनते हैं। तो लिए एस्ट्रोलॉजी के माध्यम से पता करते हैं। कि वे कौन से योग होतेहैं। 

१. जैसा कि हम जानते हैं की जन्मकुंडली मे सातवां भाव शादी का होत है। और मेल चार्ट में शुक्रशादी के कारक होते हैं। तथा फीमेल चार्ट में बृहस्पतिशादी के कारक होते हैं। इसलिए हमें जन्म कुंडली का सप्तम भाव शुक्र गुरु और लग्न को देखना है। यदि मेल चार्ट हो तो शुक्र और फीमेल चार्ट हो तो बृहस्पति। 


२. इसमें यदि किसी भीजन्मपत्रिका में; लग्नेश सप्तमेश और कारक ग्रह शुक्र या बृहस्पति कमजोर होकर स्थर राशिमें विद्यमान हो। और चंद्रमा चर राशि में स्थित हो तो निश्चित रूप से शादीमें विलम्ब ता है।


३, इसी प्रकार  मेल चार्ट में शुक्र पांच में होकर 8 12 में बैठे हो तो शादी में विलंबता होती है 40 के ऊपर ही शादी होती है। 


४. इसीप्रकार जन्म कुंडली का सप्तम भाव और सप्तमेश पीड़ित हो तो शादी में विलंबता होती है। 


५. इसी प्रकार यदि सप्तम भाव और सप्तमेश के ऊपर मारक ग्रहों की दृष्टि हो तो शादी में विलंबता होती है।


आचार्य के के  शास्त्री

9414657245


Post a Comment

0 Comments