सूर्यसे बनने वाले प्रमुख योग -:
पत्रिकामें सूर्य ज्योतिष में सूर्य से बनने वाले विभिन्न शुभ और अशुभ योगों का विवरण इस प्रकार है:
शुभ योग ---
विपरीत राजयोग -:
जब सूर्य और अन्य कोई ग्रह एक दूसरे के विपरीत हों और एक दूसरे के प्रभाव को संतुलित करें, तब यह योग बनता है।
यह योग व्यक्ति को उच्च पद, सम्मान और समृद्धि प्रदान करता है।
बुद्धादित्य योग -:
जब सूर्य और बुध एक ही राशि में स्थित हों, तो यह योग बनता है।
यह योग व्यक्ति को बुद्धिमान, विद्वान, और प्रसिद्ध बनाता है।
सूर्य-शनि मित्र योग -:
जब सूर्य और शनि मित्र भाव में हों, तब यह योग बनता है।
यह योग व्यक्ति को शक्ति, धैर्य, और स्थायित्व प्रदान करता है।
अशुभ योग ---
ग्रहण योग -:
जब सूर्य और राहु या केतु एक ही राशि में स्थित हों, तब यह योग बनता है।
यह योग व्यक्ति के जीवन में बाधाएं, कठिनाइयाँ और मानसिक तनाव लाता है।
शत्रु योग-:
जब सूर्य और शनि या मंगल एक ही राशि में स्थित हों और एक दूसरे को शत्रु भाव से देख रहे हों, तब यह योग बनता है।
यह योग व्यक्ति को संघर्ष, विवाद और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वृद्धावस्था योग -:
- जब सूर्य और बुध या शनि वृद्धावस्था में हों (यानि 27° से 30° के बीच), तब यह योग बनता है।
ह योग व्यक्ति को जीवन के अंतिम चरण में कष्ट और स्वास्थ्य समस्याएं देता है।
सूर्य के इन योगों के अलावा भी अनेक योग हैं, जो व्यक्ति की जन्म कुंडली में उसकी स्थिति और अन्य ग्रहों के साथ उसके संबंधों के आधार पर बनते हैं।
आचार्य केके शास्त्री
9414657245
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