प्रश्न कुंडली दखना-:
प्रश्न कुंडली (Prashna Kundali) ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसके माध्यम से किसी विशिष्ट प्रश्न का उत्तर प्राप्त किया जाता है। यह विधि खासकर तब उपयोगी होती है जब जन्म कुंडली उपलब्ध नहीं होती या जब प्रश्न बहुत विशिष्ट और तात्कालिक होता है।
प्रश्न कुंडली बनाने की प्रक्रिया:
1. प्रश्न का समय:
जिस समय प्रश्न पूछा जाता है, उस समय की कुंडली बनाई जाती है। यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी समय के आधार पर प्रश्न कुंडली तैयार होती है।
2. लग्न की गणना:
प्रश्न पूछे जाने के समय का लग्न निकालते हैं। यह उस समय के आधार पर निर्धारित होता है और प्रश्न कुंडली की मुख्य धुरी होता है।
3. ग्रहों की स्थिति:
उस समय में सभी ग्रहों की स्थिति देखी जाती है। ये ग्रह उस प्रश्न के उत्तर के लिए महत्वपूर्ण संकेत देते हैं।
4. भविष्यवाणी करना:
कुंडली के विभिन्न भावों, ग्रहों की स्थिति, और उनकी दृष्टि (Aspects) के आधार पर प्रश्न का उत्तर दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि प्रश्न विवाह से संबंधित है, तो सप्तम भाव (7th house) का विश्लेषण किया जाएगा।
उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति पूछता है कि "क्या मुझे इस वर्ष नौकरी मिलेगी?" तो ज्योतिषी उस समय की कुंडली बनाकर दशम भाव (10th house) और अन्य संबंधित भावों और ग्रहों की स्थिति को देखेंगे। इसके आधार पर वे यह बता सकते हैं कि नौकरी मिलने की संभावना है या नहीं, और यदि है, तो कब तक।
महत्वपूर्ण बातें:
- प्रश्न पूछते समय ध्यान रखना चाहिए कि प्रश्न स्पष्ट और एक ही हो।
- प्रश्न पूछते समय व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह कुंडली के सटीक उत्तर के लिए आवश्यक है।
प्रश्न कुंडली द्वारा भविष्य का सटीक उत्तर प्राप्त करना ज्योतिषी के अनुभव और ज्ञान पर निर्भर करता है।
बिना पूछे पता कर सकते हैं कि जातक किस प्रकार का प्रश्न करेगा -:
प्रश्न कुंडली से आप यह पता कर सकते हैं कि प्रश्न करने वाला आपसे किस प्रकार का क्वेश्चन करेगा। इसके लिए आपको प्रश्न कुंडली में चंद्रमा को देखना होता है। प्रसंग करते समय चंद्रमा जिस हाउस में बैठा होता है। प्रश्न कर्ता का प्रश्न उस हाउस से संबंधित होता है। जैसे उसे समय यदि चंद्रमा सेकंड हाउसमें है। तो प्रसन्न कर्ता का प्रसन्न कुटुम परिवार धन दौलत से संबंधित होता है। इस प्रकार चंद्रमा जिब भाव में बैठा हो प्रसन्न करता का प्रश्न उसी भाव से संबंधित होता है।
एक से अधिक प्रश्नों का उत्तर -:
इसी प्रकार प्रसन्न करता के प्रथम प्रश्न का उत्तर लग्न से देना होता है
दूसरे प्रश्न का उत्तर चंद्रमा जिस हाउस में होते हैं उसको लग्न बनाकर के देना है।
तीसरे प्रश्न का उत्तर सूर्य जहां जिस हाउस में बैठे होते हैं उसी को लग्न बनाकर के देना है।
इसी प्रकार चौथे प्रश्न का उत्तर आपको बृहस्पति जहां बैठे होते हैं उस हाउस को लग्न बनाकर के देना होता है।
तो इस प्रकार हम प्रश्न करता के एक साथ एक से अधिक प्रश्नों के उत्तरदे सकते हैं।
एस्ट्रो आचार्य केके शास्त्री
9414657245
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