मकर व कुम्भ लग्न विचार

 मकर व कुंभ लग्न फल विचार -:


मकर लग्न विचार -:

१,मकर लग्न की जन्म कुंडली में बुध सर्वाधिक योग कारक ग्रह होता है। क्योंकि यहां बुध  नवम भाव का अधिपति बनता है। अतः अपनी दशा में जातक को सर्वाधिक लाभ प्राप्ति होती है।

२,मकर लग्न की जन्म कुंडली में यदि बृहस्पति लग्न भाव में विद्यमान हो और शुक्र से दृष्ट हो तथा बुध अष्टम भाव में स्थित हो तो जातक दीर्घायु होता है।

३,मकर लग्न की जन्म कुंडली में शुक्र पंचम भाव में स्थित हो तो योग कारक होता है और यदि शुक्र दशम भाव में स्थित हो तो वह योगकारक नहीं माना जाता है।

४, यदि चंद्रमा पंचम भाव में स्थित हो और गुरु की दृष्टि उस पर हो तथा बुध व शुक्र लग्न में हो तो अति शुभ प्रद  निर्माण करते हैं।

५, गुरु लग्न भाव में स्थित हो और मंगल शुक्र लाभ भाव में स्थित हो तो जातक को मंगल की दशा में अपने भाइयों के द्वारा या भाइयों का धन प्राप्त होता है।

६,मकर लग्न की जन्म कुंडली में राहु और गुरु द्वादश भाव में स्थित हो तो वह योग कारक होता है और राहु की दशा में जातक का भाग्य दे होता है।

७, मकर लग्न की जन्म कुंडली में यदि लग्न में मंगल व  चंद्रमा सप्तम भाव में स्थित हो तो वह अति शुभ योग का निर्माण करते हैं।


कुंभ लग्न विचार -:

१,कुंभ लग्न की जन्म कुंडली में नवमेश दशमेश अर्थात शुक्र और मंगल की युति योगकरक नहीं होती है। क्योंकि अन्य लग्नो में नवमेश व भाग्येश की युती प्रबल राज कारक होती है। लेकिन यहां राज कारक नहीं मानी गई है।

२,कुंभ लग्न की जन्म कुंडली में शुक्र द्वादश भाव में स्थित हो तो  योगकारक नहीं माना गया है क्योंकि अन्य लग्नो में सदैव शुक्र द्वादश भाव में योगकारक माना जाता है परंतु यहां योगकारक नहीं होता है।

३,कुंभ लग्न की जन्म कुंडली में शुक्र व सूर्य लग्न भाव में स्थित हो तथा दशम भाव में राहु विद्यमान हो तो बृहस्पति की दशा में राहु योग प्रदान करने वाला होता है।

४,यदि सूर्य व मंगल अष्टम भाव में स्थित हो तो उन की दशा में जातक को बहुत अधिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

५,यदि शुक्र शनि एकादश भाव अर्थात लाभ भाव में स्थित हो तो जातक को शुक्र की दशा में लाभ प्राप्ति के प्रबल योग बनते हैं।

६, यदि कुंभ लग्न की जन्म कुंडली में सूर्य बुध और बृहस्पति तृतीय भाव में स्थित हो तो सूर्य की दशा में जातक को राज योग की प्राप्ति होती है।


आचार्य कोशल कुमार शास्त्री
9414657245


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