देव प्राण-प्रतिष्ठा मूहुर्त विचार

 देव प्राण-प्रतिष्ठा मूहुर्त विचार -:

मुहूर्त निर्माण श्रृंखला में आज हम देव प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त के विषय में जानकारी प्राप्त करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं कि देव प्राण प्रतिष्ठा में शुभ मुहूर्त के लिए तिथि वार नक्षत्र का चयन किस प्रकार से किया जाता है?

शुभ मास -:

देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य रूप से  उत्तरायण काल ही सर्वश्रेष्ठ माना गया है। हमे जिस देवता की प्रतिमा स्थापित करनी हो उस देवता के ही दिन तिथि नक्षत्र तथा शुभ योग शुभ लग्न में स्थापना करना चाहिए तथा दिवस के पूर्वार्धकाल में ही स्थापना बने यह लक्ष्य रखना चाहिए।

शुभ माने मासों में -  माघ, फाल्गुन, वैसाख, ज्येष्ठ, सर्वश्रेष्ठ होते हैं। तथा विकल्प रूप में चैत्र, अश्विन  मास भी मान्य हैं। एवं माघ मास में श्री विष्णु की प्रतिष्ठा नहीं होती है। तथा माता, भैरव, नृसिंह,  देव की प्रतिष्ठा दक्षिणायन में भी संपन्न हो सकती है।


 शुभ तिथियों में  -:


2, 3 ,5, 6 ,7 ,8, 10, 11, 12, 13 ,15 एवं कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुभ होती है। अमावस्या व 4-9-14 तिथियां पूर्ण रूप से त्याज्य होती है।




 शुभ वार -:


 सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार ,शनिवार शुभ होते हैं। रविवार व मंगलवार  निषेध माना गया है। जिस में भी मंगलवार अति निषेध होता है। 


शुभ नक्षत्र -:

 अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु ,पुष्य, हस्त,चित्रा, स्वाती, अनुराधा, श्रवण, घनिष्ठा , शतभिषा, रेवती , उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, नक्षत्र शुभ माने गए हैं।



आचार्य कौशल कुमार शास्त्री

 वेदिक ज्योतिष शौध संस्थान

 चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर

 राजस्थान  941465 7245

एस्ट्रोलॉजर आचार्य केके शास्त्री





Post a Comment

0 Comments