मलमास 2021-22

 मलमास 2021-22 -:

 मलमास अथवा खरमास? -:

जैसा कि हम जानते हैं कि सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं। इस प्रकार सूर्य देव एक राशि में लगभग एक महीना भ्रमण करते हैं। इसी क्रम में 12 महीने में सूर्य देव 12 राशियों में परिभ्रमण करते हैं। इसे सौर वर्ष कहा जाता है। सूर्य देव को आत्मा व उर्जा का कारक माना जाता है। जब सूर्य देव भ्रमण करते हुए गुरु बृहस्पति की धनु व मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस काल को मलमास अथवा खरमास की संज्ञा दी गई है।  जब गुरु की राशि में सूर्य देव प्रवेश करते हैं उस समय  सूर्य  बृहस्पति के घर मे अपने आप को असहज महसूस करते हैं। और किसी भी शुभ कार्य में सूर्य देव का सहज होना अति आवश्यक होता है। या यूं कहें जब सूर्य देव गुरुदेव की राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य देव अपनी रस्मियो से गुरुदेव के प्रभाव को कम कर देते हैं और गुरुदेव आध्यात्म का कारक होते हैं। अतः इस समय में किए गए शुभ कार्यों में जातक का लगाव नहीं होता है क्योंकि इस समय जातक की रुचि अध्यात्म में अधिक होती है। इस कारण खल मास या मलमास में विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं। और आध्यात्मिक उन्नति के कार्य अधिक किए जाते हैं।

इस प्रकार प्रत्येक वर्ष में दो बार मलमास या खरमास आते है। प्रथम जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की धनु राशि में प्रवेश करते हैं । इसे धनु मलमास कहा जाता है।और दूसरा जब सूर्य बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इससे मीन मलमास कहा जाता है। अतः 2 महीने वर्ष में खर मास या मलमास के नाम से जाने
 जाते हैं।

खरमास , मलमास की पौराणिक कथा -:

पौराणिक कथा के अनुसार एक समय सूर्य देव अपने रथ में 7 अश्वो को जोड़कर परिभ्रमण कर रहे थे। उसी समय उनके अश्वो को प्यास लगी। अतः सूर्य देव अपने घोड़ों को एक जलाशय में ले जाकर जल पिलाने लगते हैं। उस समय उनके घोड़े थक चुके थे। इसलिए उन्होंने अपने घोड़ों को कुछ विश्राम करवाने लग जाते है। उसी समय उनको  ध्यान आया कि मेरा कार्य निरंतर  पूर्ण ऊर्जा के साथ चलने का है। अतः मेरे रुकने से संसार की गति रुक जाएगी।  उसी समय उनको सात गधे दिखाई देते हैं।उन्होंने घोड़ो की जगह उन गधो को अपने रथ में जोत  लिया जिससे उनकी गति धीमी हो जाती है। उनका यह समय एक मास का रहा।  धनु सक्रांति में प्रवेश करते समय अपने घोड़ों के स्थान पर गधों को जोता था। और मकर राशि में प्रवेश करने तक यह काल रहा। इस अवधि में सूर्य देव की गति धीमी रही।  सभी शुभ कार्यों में सूर्य देव की पूर्ण ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए इस काल में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इसलिए इस काल को खरमास की संज्ञा दी जाती है।

2021-22 में मलमास या खरमास का समय -:

(धनु सकति मलमास)


 धनु सक्रांति मलमास का समय संवत 2078 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष 12 बुधवार तारीख 15/ 12/ 2021 से प्रारंभ होकर पौष शुक्ल पक्ष 12 शुक्रवार तारीख 14/01/
2022 तक होगा। अर्थात सूर्य देव 15 दिसंबर 2021 को प्रातः 3:42 पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे जो 14 जनवरी 2022 को दोपहर 2: 28  तक रहेंगे


(मीन सक्रांति मलमास)



मीन मलमास 14 मार्च 2022 को रात्रि 2:15 से प्रारंभ होकर 14 अप्रैल 2022 प्रातः 8:40 तक रहेगा। क्योंकि सूर्य देव 14 मार्च 2022 को रात्रि 2:15पर कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल 2022 को प्रातः 8:40 पर मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। अतः यह एक महीने का समय मलमास होगा।


मल मास में त्याज्य शुभ कार्य -:


ज्योतिष ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार मलमास में विवाह, गृह प्रवेश, वधू प्रवेश, व्रत उद्यापन, व्रत ग्रहण, तुलादान, प्रथम श्रावणी कर्म, मुंडन, यज्ञोपवित संस्कार, जातकर्म, नामकरण,
मंत्र ग्रहण, देव प्रतिष्ठा, देव स्थापन, तीर्थ यात्रा, नींव मुहूर्त, इत्यादि सभी कार्य नहीं करनी चाहिए अपितु आध्यात्मिक साधना मंत्र जाप व अति आवश्यक की स्थिति में अनुष्ठान आदि कर सकते हैं।


आचार्य कौशल कुमार शास्त्री

 वेदिक ज्योतिष शौध संस्थान

 चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर   (राजस्थान) 9414 6572 45




एस्ट्रोलॉजर आचार्य केके शास्त्री





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