8 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का कैसा होगा प्रभाव

 कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण होने जा रहा है जानते कैसा रहेगा इसका प्रभाव?


नमस्कार साथियों!

जैसा कि हम जानते हैं किस चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण जैसी घटनाएं खगोलीय घटनाएं होती है। अंतरिक्ष में 9 ग्रह होते हैं और यह सभी ग्रह सामान्यतः सूर्य के चक्कर काटते रहते हैं। उनमें से पृथ्वी भी एक उपग्रह है जो सूर्य के चारों ओर अपने अक्ष पर घूमती चक्र करती है तथा पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा होता है जो पृथ्वी के चक्कर लगाता है। सूर्य के प्रकाश से ही चंद्रमा चमकता है किंतु कई बार ऐसी स्थिति आती है जब सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी आपस में एक किस  विशेष कंडीशन में एक दूसरे के सीध में आ जाते हैं। जिस से सूर्य की जो रश्मि होती है वह चंद्रमा के ऊपर नहीं पड़ती है तो चंद्रमा का प्रकाश कम हो जाता है।ये आनसिक व  दीर्घ भी हो सकता है या कहीं बार चंद्रमा पूर्ण रूप से काला जाता है क्योंकि पृथ्वी की छाया  चंद्रमा पर पड़ती है। ऐसी घटना को चंद्रग्रहण की घटना कहा जाता है और यह घटनाएं सामान्यतः पूर्णिमा के दिन ही अधिकांश  होती है।


इस प्रकार साथियों!

 8 नवंबर 2022 अर्थात कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को पूर्ण चंद्र ग्रहण होने जा रहा है।  हमने अभी जाना था कि चंद्रग्रहण पूर्ण व आंशिक भी होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण वह होता है जब सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी एक सिध में आते है और पृथ्वी सूर्य के पूरे प्रकाश को ढख लेती है तथा सूर्य का प्रकाश चंद्रमा के ऊपर नहीं पड पाता है और चंद्रमा पूर्ण रूप से काला दिखाई पड़ता है यह पूर्ण चंद्रग्रहण होता है और ये  गति करते हुए फिर आगे निकलते हैं तो पुनः चंद्रमा चमकने लगता है। इसे ही पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है और यदि कहीं बाहर चन्द्रमा पूरा  नहीं ढक पाता है तब आंशिक चंद्रग्रहण माना जाता है।



8 नवंबर 2022 को लगेगा साल का दूसरा  चन्द्र ग्रहण -:

वर्ष 2022 में इससे पहले 16 मई 2022 को पहला चंद्र ग्रहण की घटना घटित हुई थी और 8 नवंबर 2022 को होने वाला चंद्र ग्रहण साल का दूसरा अंतिम चंद्रग्रहण है। इस प्रकार यह चंद्रग्रहण भारत के उत्तरी क्षेत्रों में पूर्ण चंद्रग्रहण होगा तो अन्य भागों में आंशिक चंद्रग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण दिल्ली के टाइम के अनुसार शाम को 5:30 से लेकर 6:20 तक रहेगा। इस प्रकार चंद्र उदय भी लगभग 5:30 पर होंगे और उनके उदय होते ही ग्रहण की घटना प्रारंभ हो जाएगी। लगभग दिल्ली में यह ग्रहण  काल 45 मिनट के लगभग होगा। भारतीय सनातन परंपरा में जैसा कि हम जानते हैं कि ग्रहण का सूतक तीनपहर अर्थात लगभग 9 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है।


इस प्रकार ज्योतिष के दृष्टिकोण से  चंद्र ग्रहण की घटना में चंद्रमा पीड़ित होता है। और ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है अर्थात हमारे जीवन के सभी कार्य हमारे मन पर डिपेंड करते हैं। जब चंद्र ग्रहण जैसी घटना होती है तो इसका सीधा सा मतलब है कि हमारे मन में अनेक प्रकार के प्रॉब्लम्स बन जाते हैं। विशेष करके जिन जातकों की जन्मकुंडली में चंद्रमा पहले से नेगेटिव होते हैं तो उनको चंद्रमा को पॉजिटिव करने के अच्छे प्रयास करने चाहिए या हम कहें कि सभी को ही ऐसी घटना में अपने मन को पॉजिटिव करने के लिए / चंद्रमा को पॉजिटिव करने के लिए वैदिक उपाय करने  चाहिए। जैसे इस कार्य में हमें ॐ सोम सोमाय नमः के वैदिक बीज मंत्र का जाप करना चाहिए, शिव उपासना करनी चाहिए,


एस्ट्रोलॉजर अचार्य कौशल कुमार शास्त्री
 वैदिक ज्योतिष शोध संस्थान
 चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
 राजस्थान 

9414657245


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