सेकंड मैरिज योग second marriage yog

 सेकंड मैरिज योग-:

नमस्कार मित्रों आज हम दांपत्य जीवन में आने वाले शुभ अशुभ प्रभाव के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। आज जानेंगे कि ऐसी कौन सी कंडीशन हमारी लाइफ में अप्लाई हो जाती है। इसके चलते शादी टूट जाती है या तलाग हो जाता है। तो आइए आज की यात्रा को प्रारंभ करते हैं।


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 जैसा कि हम जानते हैं कि 7th हाउस हमारे वैवाहिक जीवन को रिप्रेजेंट करता है। और सप्तम भाव सही हम हमारे वैवाहिक जीवन को देखते हैं।

२ सप्तम भाव पर पड़ने वाले शुभ अशुभ प्रभाव का मिलाजुला रूप एक से अधिक शादियों का योग बनाता है।

 बहु विवाह योग कैसे बनते हैं? और ऐसे कौन से ग्रह होते हैं? जिनके द्वारा एक से अधिक शादी का योग बनता है?


दूसरे विवाह का योग इस कंडीशन में बनता है -

१,यदि आपकी जन्मकुंडली में सप्तम स्थान पर कोई पापी ग्रह अपना बुरा प्रभाव बना रहा हो तो प्रथम विवाह में दिक्कत आती है।

२, सप्तम स्थान पर अशुभ ग्रह का प्रभाव विवाह के सुखों में कमी बनाता है।

३, जब सप्तमेश दूसरे स्थान पर होता है तो यह स्थान सप्तम भाव से गिरने पर आठवां स्थान बनता है। अतः सप्तमेश का द्वितीय स्थान पर बैठना शादी सुधा जीवन में प्रॉब्लम बनाता है

४, इसी प्रकार सप्तम भाव का स्वामी छठे भाव में हो जो कि सप्तम भाव से द्वादश बन जाता है और यह भाव कोर्ट कचहरी को दर्शाता है। जिससे वैवाहिक जीवन में कोर्ट कचहरी की प्रॉब्लम बनती है। जिस जातक की जन्मकुंडली में ऐसे कंडीशन अप्लाई होती है तो निश्चित रूप से उनका प्रथम विवाह टूटता है।

५, इसी प्रकार सप्तम स्थान पर राहु व शनि का दृष्टि प्रभाव विवाह सुख से वंचित करता है यदि शनि और राहु मारक होते हैं तो इसका प्रभाव ज्यादा पड़ जाता है।


६,  सप्तम स्थान पर राहु या केतु हो तथा सप्तमेश वक्री ग्रह के साथ स्थित हो तो दो विवाह योग बनते हैं। राहु तथा केतु पापी ग्रह होते हैं। इनका संबंध धोखा चालाकी चैट अनुचित कार्यों से बन जाता है। इसी प्रकार इसके अलावा सप्तमेश का वक्री ग्रह के साथ बैठने का मतलब होता है कि 1 से अधिक संबंध स्थिति भी  हमारे विवाहित जीवन में नेगेटिव इफेक्ट बनाती है।


 ७,इसप्रकार गुरु यदि आपकी जन्म पत्रिका में गुरु मारक होकर के सप्तम स्थान तथा सप्तमेश को प्रभावित करता है तो शादी टूटने का योग बनता है । तथा गुरु 6 8 12 का स्वामी हो अथवा 6 8 12 में बैठा हो तो मारक होते हैं। किंतु गुरु का संबंध सप्तम भाव से बन जाता है जिस कारण से दूसरा विवाह योग भी करवाते हैं।



एस्ट्रोलॉजर आचार्य कौशल कुमार शास्त्री
 वैदिकज्योतिष संस्थान  चौथ का बरवाड़ा
 सवाई माधोपुर rajsthan
9414 657245




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