नोकरी में प्रमोशन योग

नोकरी में कब मिलेगा प्रमोशन ?

नमस्कार मित्रों!
आज की चर्चा में हम जानेंगे की नौकरी में प्रमोशन के योग कब बनते हैं और वह समय कब आता है जब आपको अपनी नौकरी में प्रमोशन के योग बनाता है। क्योंकि प्रत्येक नौकरी करने वाला व्यक्ति चाहता है कि उसका जल्दी से जल्दी प्रमोशन हो उसका मान सम्मान वेतन वृद्धि हो। आज हम इसी विषय को लेकर विस्तार से चर्चा करते हैं। और जानने की कोशिश करेंगे कि कब प्रमोशंस के योग बनते हैं और उनका निर्माण कैसे होता है। तो आइए यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।


जैसा कि हम जानते हैं की जन्म कुंडली में दशम भाव हमारा कर्म भाव होता है। अतः जब भी हमें कर्म की चर्चा करते हैं तो समय दशम भाव को देखते हैं। जन्मकुंडली का दशम भाव भी बताता है कि हम किस तरह का जॉब करेंगे। यदि दशम भाव बलवान होता है तो हमें अच्छा जो प्राप्त होता है। और यदि दशम भाव निर्बल होता है तो हमारे जीवन में जॉब में बार-बर परिवर्तन होते रहते हैं अथवा हमें अच्छा जॉब नहीं मिल पाता है। वैसे आज के समय में अच्छी जॉब प्राप्ति के लिए कंपटीशन बहुत ही जटिल होता जा रहा है। जनम कुंडली का षष्टम भाव आपके कंपटीशन को रिप्रेजेंट करता है। अच्छा जॉब प्राप्त करने के लिए आपका षस्टम भाव बलवान होता है तो हम कंपटीशन फाइट करके अच्छा जोब प्राप्त करने में सफल होते हैं। इसी प्रकार जो प्राप्ति में शनि देव जोकि नेचुरल जॉब के कारक होते हैं ‌। उनका भी बहुत अधिक योगदान होता है। यह तो जोब प्राप्ति के कुछ योग होते हैं जिनकी विस्तार से चर्चा पूर्व में हम कर चुके हैं।

इसी प्रकार अब हमरा विषय है कि प्रमोशन के योग बनते हैं?

प्रमोशन के योग देखने के लिए भी हमें 10 भाव उसको देखना होगा। जब भी आपकी जन्मकुंडली में दशम भाव गोचर अथवा दशा में बलवान बने साथ ही सिस्टम भाव बलवान रहे उस कंडीशन में प्रमोशन के योग बनते हैं। जब भी दशम भाव का संबंध सिसम भाव से गोचर अथवा दशा अंतर्दशा में बनता है तो वह समय आपका प्रमोशन का होता है। दशम भाव आपका कर्म भाव है और षष्टम भाव आपके कार्य क्षेत्र पर अन्य दूसरे लोगों से कंपटीशन को दर्शाता है। जब भी दशा अंतर्दशा में दशम भाव का संबंध नवम भाव से बने एकादश भाव से बने वह बहुत ही पॉजिटिव प्रमोशन का योग बनाता है। अर्थात जब षष्टम भाव का स्वामी बलवान होकर के दशम भाव में दशम भाव के साथ यदि बनाता है तो वह समय प्रमोशन हो करके ही रहता है। दशम भाव और एकादश भाव का संबंध एकादश भाव में बने अथवा दशम भाव में बने तो उस समय आप की वेतन वृद्धि के योग बनते हैं। इस प्रकार जब दशम भाव का षष्टम संबंध भाव से नवम भाव से एकादश भाव से व लग्न से गोचर काल में और अंतर्दशा में बन जाए उस कंडीशन में प्रमोशन के अच्छे योग बनते हैं। और इन कंडीशन में शुभ ग्रह की दृष्टि ऊपर से बने तो ज्यादा अच्छा योग बन जाता है। वैसे प्रमोशन जैसे योगों का रहस्य आप की अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा में छिपा हुआ होता है। और जब भी प्रत्यंतर दशा अंतर्दशा में दशम भाव का संबंध उपरोक्त भाव के साथ होता है तो वह समय प्रमोशन के लिए अच्छा बन जाता है।
एस्ट्रो आचार्य केके शास्त्री
9414657245


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