प्रश्न कुंडली से भविष्य जानना

 प्रश्न कुंडली से अपने भविष्य के प्रश्नों को जानना -:

नमस्कार मित्रों!
 आज हम प्रश्न कुंडली के विषय में विस्तार से चर्चा करने जा रहे हैं। जिन जातक जातको के पास में अपने जन्म डिटेल नहीं होती है। जिस कारण से उनका जन्म पत्रिका नहीं होती है तो उस कंडीशन में हम तत्कालीन प्रश्न कुंडली के माध्यम से उनके प्रश्नों का सटिक फलादेश कर सकते हैं। तो आइए हम जानते हैं प्रश्न कुंडली के माध्यम

से कैसे हम उनके प्रश्नों का उत्तर पता करते हैं। इसके लिए जब प्रश्न् करता हमारे सामने प्रश्न लेकर के आता है। उस समय का तत्कालीन लग्न कुंडली हम बनाते हैं। और उसी तत्कालीन लग्न कुंडली के हिसाब से हम प्रसन्न करता के प्रश्नों का उत्तर देते है। इस प्रकार हम प्रश्न कुंडली निर्माण करके सामान्य जो मुख्य पॉइंट्स होते हैं उनको इस प्रकार से देखते है।


१, सबसे पहले प्रश्न कुंडली निर्माण करके हम देखते हैं कि प्रश्न कुंडलि में कौन सा राशि आयी है। मतलब कौन सा लगन आया है। तीन प्रकार के लगन होते हैं चर लग्न, स्तर लग्न और दि स्वभाव लगन। जिसमें मेष कर्क तुला और मकर यह चर लग्न होते हैं। 2,5,8 , 10 11 स्तर लग्न राशि होती है। 3,6 ,9,12 दिस्वभाव राशि होती है। इस प्रकार यदि प्रश्न करता के प्रश्न लग्न में चर लग्न हो इसका मतलब है कि कार्य जल्दी सिद्ध हो रहा है। कार्य आगे बढ़ रहा है। स्तर लग्न हो तो कार्य में कोई बदलाव नहीं जैसा का जैसी स्थिति बनी हुई है। दिस्वभाव लग्न में कार्य में थोड़ा कंफ्यूजन है। ऐसा फल कहा जाता है।

२, प्रश्न कुंडली के लग्न के साथ-साथ नवमांश कुंडली का लग्न भी देखना चाहिए। यदि प्रश्न कुंडली का लग्न और नवमांश कुंडली का लग्न सेम बन रहा हो तो 100% वह क्लियर होता है जैसा हम प्रश्न कुंडली के लग्न को देखकर बताते हैं।


३, इसके साथ चंद्रमा की स्थिति को भी देख लिया जाए यदि चंद्रमा बलवान स्थिति में तो कार्य जल्दी से दो होता है।

४, प्रश्न कुंडली में यदि चंद्रमा पीड़ित है 6,8,12 में है तो उस कंडीशन में कार्य सिद्धि में विलंबता बनती है।

५ इस, प्रकार से यदि लग्न में शीर्षोदय राशि हो तो कार्य सिद्धि होती है जैसे 3,5,6,7,8 और 11 ये राशि हैं।

६, यदि प्रष्टोदय राशि लग्न में हो तो कार्य में विलंब बनती है 1 ,2, 4,,9,10 ये ये राशि या होती है। इसके अलावा मीन राशि उभयोदय राशि होती है इसमें डाउट रहता है।


७, इसी प्रकार यदि प्रश्न कुंडली में चर लग्न और नवमांश कुंडली में स्थिर लग्न हो तो निकट समय में स्थिति में कोई बदलाव नहीं होता है।

८, प्रश्न कुंडली में स्थिर लग्न और नवमांश में च लग्न हो तो प्रश्न करता को आभास होता है लेकिन कार्य सिद्धि होती नहीं है।


९, किंतु यदि वर्गोत्तम नवमांशु मतलब लगन और नवमांश में एक ही लगन हो तो 100% कम होता है।



१०, यदि स्तर लगन और चर  नवमांशइसका मतलब है कि भविष्य में बदलाव होने जा रहा है।


११, प्रश्न कुंडली के लग्न में शुभ ग्रह बैठे हो और प्रश्न कुंडली का लग्नेश भी बलवान स्थिति में हो तब भी कार्य सिद्धि होती है।



एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री
9414657245





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