दशम भाव में बनने वाले प्रमुख योग -:
जन्मपत्रिका के दसवें भाव (हाउस) को कर्म भाव या पेशे का घर कहा जाता है। यह भाव व्यक्ति की करियर, पेशेवर सफलता, सामाजिक स्थिति और प्रतिष्ठा को दर्शाता है। दसवें भाव से बनने वाले प्रमुख योग और उनके प्रभाव निम्नलिखित हैं:
1.दशमेश योग -:
दसवें भाव का स्वामी जिस भाव में स्थित होता है, वह उस भाव के फल को प्रभावित करता है। यह योग व्यक्ति के करियर और पेशे में सफलता और उन्नति को दर्शाता है।
2. राजयोग-:
जब दसवें भाव का स्वामी शुभ ग्रहों के साथ योग करता है या किसी शुभ भाव में स्थित होता है, तो यह राजयोग बनाता है। यह व्यक्ति को उच्च पद, प्रतिष्ठा और सम्मान प्रदान करता है।
3. अमल योग -:
जब चंद्रमा या सूर्य दसवें भाव में होते हैं, और यह अन्य शुभ ग्रहों के साथ योग करते हैं, तो यह व्यक्ति को उच्च पद और सफलता दिलाता है।
4. शश योग -:
जब शनि ग्रह दसवें भाव में स्थित होता है, और वह शुभ ग्रहों के साथ योग करता है, तो यह व्यक्ति को सरकारी नौकरी, उच्च पद और सम्मान दिलाता है।
5. गजकेसरी योग :-
जब गुरु और चंद्रमा दसवें भाव में होते हैं या गुरु चौथे, सातवें या दसवें भाव में चंद्रमा के साथ योग करता है, तो यह योग बनता है। यह व्यक्ति को महान सफलता और उच्च पद दिलाता है।
6. धन योग -:
जब दसवें भाव का स्वामी दूसरे, पांचवें, सातवें या ग्यारहवें भाव में स्थित होता है और शुभ ग्रहों के साथ योग करता है, तो यह धन योग बनाता है, जिससे व्यक्ति को वित्तीय लाभ और सफलता मिलती है।
7. व्यापार योग -:
जब दसवें भाव का स्वामी बुध के साथ योग करता है, तो यह व्यापार में सफलता का योग बनाता है। बुध व्यापार का ग्रह है और इसकी अनुकूल स्थिति व्यक्ति को व्यवसाय में उन्नति दिलाती है।
8. पारिवारीक सफलता योग -:
दसवें भाव का स्वामी चौथे भाव में शुभ ग्रहों के साथ स्थित होता है, तो यह योग बनता है, जिससे व्यक्ति को पारिवारिक सहयोग और सुख मिलता है।
इन योगों के अलावा, दसवें भाव में स्थित ग्रहों की स्थिति और दृष्टि भी व्यक्ति के करियर और पेशे पर प्रभाव डालती है। इन सभी कारकों का संयुक्त प्रभाव व्यक्ति के पेशेवर जीवन को निर्धारित करता है।
एस्ट्रो आचार्य केके शास्त्री
9414657245
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