हरियाली तीज का सांस्कृतिक महत्व -:
हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज भी कहा जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तरी और पश्चिमी भारत में, विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, और हरियाणा में मनाया जाता है। हरियाली तीज विशेष रूप से महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है और इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक तत्वों का समावेश होता है।
त्योहार का समय -:
हरियाली तीज श्रावण (सावन) महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीज) को मनाई जाती है, जो आमतौर पर जुलाई-अगस्त के बीच पड़ती है। यह समय मानसून का होता है, जब हर जगह हरियाली छा जाती है, और इसी कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। वर्ष 2024 में हरियाली पर्व का 7 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है।
हरियाली तीज का महत्व और पौराणिक कथा -:
हरियाली तीज का संबंध माता पार्वती और भगवान शिव की कथा से है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या के बाद पति के रूप में प्राप्त किया था। इस दिन महिलाएं माता पार्वती का पूजन करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
त्योहार की विधि -:
हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं, विशेष रूप से हरे रंग के कपड़े, जो मानसून की हरियाली का प्रतीक होते हैं। वे मेंहदी लगाती हैं, गहने पहनती हैं, और एक-दूसरे के साथ झूला झूलती हैं। इस दिन व्रत रखने का भी प्रचलन है, जिसमें महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात्रि को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा के बाद ही भोजन ग्रहण करती हैं।
उत्सव और परंपराएँ -:
-मेंहदी और सजावट:
महिलाएं अपने हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाती हैं और सुंदर गहनों और वस्त्रों से सजती हैं।
झूला झूलना: -
हरियाली तीज का एक प्रमुख आकर्षण झूला झूलना है। बगीचों और घरों के आंगन में झूले लगाए जाते हैं, जिन्हें फूलों और रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाया जाता है।
गीत और नृत्य -:
महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। इस दिन के गीतों में प्रेम, भक्ति और सौभाग्य की भावनाएं होती हैं।
पूजा और व्रत -:
महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है और कथाएँ सुनी जाती हैं।
सांस्कृतिक महत्व -:
हरियाली तीज न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी बहुत महत्व रखता है। यह त्योहार महिलाओं को एक-दूसरे के साथ समय बिताने, अपनी संस्कृति और परंपराओं को निभाने और साझा करने का अवसर प्रदान करता है।
हरियाली तीज का यह उत्सव न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंतता को भी प्रदर्शित करता है।
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