दीपावली

 क्यों मनाई जाती है दीपावली ?




दीपावली का पर्व मुख्यतः भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर अयोध्यावासियों द्वारा स्वागत के रूप में मनाया गया था। इसके अलावा भी इसके पीछे कई धार्मिक कथाएँ हैं, जैसे कि भगवान विष्णु का नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध करना, माता लक्ष्मी का समुद्र मंथन से प्रकट होना, भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करना, आदि।

दीपावली मनाने का सही तरीका:

1. घर की सफाई और सजावट: दीपावली से पहले अपने घर और कार्यस्थल की पूरी सफाई करें। ऐसा माना जाता है कि माता लक्ष्मी का वास वहीं होता है जहाँ स्वच्छता होती है। घर को दीपों, रंगोली और फूलों से सजाएं।


2. धनतेरस पर खरीदी: धनतेरस के दिन बर्तन, आभूषण या कोई धातु का सामान खरीदना शुभ माना जाता है। यह दिन धन के देवता कुबेर की पूजा का होता है।


3. रंगोली और दीप जलाना: द्वार पर रंगोली बनाएं और दीप जलाएं। घर के मुख्य द्वार पर तेल के दीयों को सजाकर रखा जाता है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।


4. लक्ष्मी-गणेश पूजा: दीपावली की संध्या पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। इस पूजा में नए बही खाते भी रखे जाते हैं और प्रार्थना की जाती है कि वर्ष भर व्यवसाय और जीवन में समृद्धि बनी रहे।


5. प्रसाद वितरण और उपहार आदान-प्रदान: पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और अपने प्रियजनों के साथ मिठाइयाँ व उपहार बांटें। इससे आपसी प्रेम और संबंधों में मधुरता आती है।


6. पटाखे और उत्सव: पटाखे चलाने का भी रिवाज होता है, परंतु इस दौरान पर्यावरण का भी ध्यान रखें। कोशिश करें कि कम आवाज़ वाले और पर्यावरण के अनुकूल पटाखे चलाएं।



दीपावली के पीछे प्रमुख कथाएँ:

1. रामायण की कथा: जब भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण 14 वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को दीपों से सजाया और उनका भव्य स्वागत किया। तभी से दीपावली को प्रकाश के पर्व के रूप में मनाया जाता है।


2. माता लक्ष्मी का प्रकट होना: समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी प्रकट हुईं और पूरे संसार में समृद्धि और सुख का संचार हुआ। इसलिए दीपावली को लक्ष्मी पूजन के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।


3. नरकासुर वध: भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके संसार को उसके अत्याचारों से मुक्त किया। इस घटना को दीपावली के एक दिन पहले, नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।


4. वामन अवतार: राजा बलि को भगवान विष्णु ने वामन रूप में दर्शन दिए और तीन पग में तीन लोकों को नापकर राजा बलि का अहंकार समाप्त किया।



इन सभी कथाओं में मुख्य संदेश यही है कि दीपावली बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है


एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री 
9414657245

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