ग्रहों की मूल त्रिकोण राशि विचार

 ग्रहों की अपनी मूल त्रिकोण राशि का निर्णय -:

सूर्य की अपनी मूल त्रिकोण राशि सिंह, चंद्रमा की वृष, मंगल की मेष, बुद्ध की कन्या, गुरु की धनु, शुक्र की तुला, शनी की कुंभ मूल त्रिकोण राशि होती है। और प्रत्येक ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि में बलवान होता है। किंतु यहां एक प्रशन सहज मन में उठता है जो स्वाभाविक भी है। कि सिंह सूर्य की स्व राशि है।, और वृष चंद्रमा की उच्च राशि है। मेष मंगल की स्व राशि होती है। कन्या बुध की स्वराशि और उच्च राशि है। इसी प्रकार गुरु की धनु अपनी स्वराशि है तथा शुक्र की तुला भी अपनी स्वराशि होती है। तो कुंभ  भी शनि की स्वराशि होती है। अब ग्रह अपनी दशा में अपनी स्वराशि का फल देगा या अपनी मूल त्रिकोण राशि का अथवा अपनी उच्च राशि का?

इसके उतर में हमारे मनीषियों ने बताया है कि सूर्य 20 अंश तक अपनी मलत्रिकोण राशी का फल देता है इसके अनंतर 20 से 30 अंशो तक अपनी स्व राशि का फल देगा। इसी प्रकार चंद्रमा 3 डिग्री तक वृष राशि में उच्च का होता है। शेष अंशो में अपनी मूल त्रिकोण राशि का फल देता है। इसी क्रम में मंगल मेष राशि में 12 डिग्री तक अपनी मूलत्रिकोण का फल देता है शेष अंशो में अपनी स्वराशी का फल देता है। इसी प्रकार बुध कन्या राशि में 15 अंश तक अपनी उच्च राशि का फल देता है 15 से 20 अंश तक मूल त्रिकोण राशि का फल देगा और 20 से 30 अंशों में अपनी स्वयं की राशि का फल देता है। गुरु अपनी धनु राशि में 10 अंशों तक का त्रिकोण व शेष अंशो में स्वराशी का फल देता है। इसी प्रकार शुक्र 15 अंश तक तुला राशि में अपनी मूलत्रिकोणराशि का फल देता है और 15 से 30 अंशों तक अपनी राशि का फल देता है। इसी प्रकार शनी कुंभ राशि में 20 अंशों तक अपनीत्रिकोण राशि का फल देता है शेष 20 से 30 अंकों में अपनी स्वराशि का फल देता है।


आचार्य श्री कोशल कुमार शास्त्री

9414657245




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