जीवन में सबसे ज्यादा किस कार्य में आपको सफलता मिलेगी?

 जीवन में सफलता का राज खोलने वाली मास्टर key -:

नमस्कार साथियों !
आज हम ज्योतिष परिचर्चा के अंतर्गत एक विशेष मास्टर key लेकर आए हैं। आज की यह चाबी हमारे जीवन में कैरियर जॉब बिजनेस नौकरी से संबंधित सब राज खोलने वाली होगी। आज हम सब की सबसे बड़ी समस्या होती है कैरियर को लेकर के हमारे युवा साथी यह निर्णय नहीं कर पाते हैं कि मुझे किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहिए। किस क्षेत्र में सफलता मिलेगी उनके मन में इस प्रकार का अंतर्धन चलता रहता है। यद्यपि ज्योतिष शास्त्र में केरियर संबंधी मामलों को जानने के काफी सारे सूत्र हमारे महर्षि यो दिए हैं। वैसे जन्म कुंडली में कैरियर हम सदैव दशम भाव से देखा करते हैं क्योंकि दशम भाव हमारे कर्म का भाव होता है। अतः वह हमारे प्रोफेशनल जॉब को रिप्रेजेंट करता है। और इसके विपरीत जब हम केरियर की डिप्ली स्टडी करना चाहते हैं तो उसके लिए हम d10 चार्ट देखते हैं। किंतु आज हम ऐसे केरयर संबंधी सूत्रों की चर्चा करेंगे। जो बहुत ही गुप्त सूत्र हैं। मैत्रीय  ने जब महर्षि पाराशर जी से निवेदन किया था कि प्रभु! मुझे मनुष्य के कर्म वो को जानने का सरल विधि बताइए?

तब प्रसन्न होकर  पाराशर जी ने मैत्रीय जी को यह मास्टर चाबी कैरियर को जानने के लिए बताई थी। इसे मास्टर चाबी इसलिए कहा गया है कि जिस प्रकार से कोई सा भी ताला हो उसकी कैसी भी बनावट हो लेकिन मास्टर चाबी सभी प्रकार के तारों को खोलने में समर्थ होती है। उसी प्रकार पाराशर जी का
 केरियर को जानने का जो यह सूत्र है सभी जातकों  के कैरियर को जानने का प्रमाणित सूत्र है।



सूत्र -:

जब भी हमें कैरियर के विषय में जानना हो उस समय इस मास्टर चाबी को लगाते समय ज्योतिष शास्त्र की सभी प्रमाणों को एक तरफ रख दीजिए। किसी पर भी आपको कुछ ध्यान नहीं देना है। मात्र आपको आपकी जन्मकुंडली में भगवान शनि देव की स्थिति को जानना है। क्योंकि काल पुरुष की जन्म कुंडली में १० हाउस के स्वामी शनिदेव बनते हैं। अतः शनि देव हमारे कर्म को रिप्रेजेंट कर लेते हैं। इसलिए महर्षि पाराशर कहते हैं कि जन्म कुंडली में शनि देव जिस राशि में विद्यमान हो उस राशि के स्वामी के कारकत्व से संबंधित जातक को कार्य करने से जीवन में अतिशय लाभ मिलता है। इसी प्रकार  इसकी गहन जांच मश करनी हो तो  d10 चार्ट देखते हैं तो वहां पर भी हमें दशम भाव और शनिदेव की स्थिति को पता करना है।

मेष व वृश्चिक -:
 अब इस प्रकार मान लीजिए यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में शनि देव मेष या वृश्चिक राशि में विद्यमान है। तो इसका मतलब है  कि जातक को लाइट संबंधी कार्य पुलिस फोर्स संबंधी कार्य ऊर्जा संबंधी कार्य पेट्रोलियम पदार्थ संबंधी कार्य सेक्रेटरी संबंधी कार्य करना चाहिए क्योंकि इन सब कार्यों को मंगल देव री प्रजेंट करते हैं। अर्थात मंगल देव हमारी उर्जा के कारक होते हैं। जहां ऊर्जा संबंधी कार्य हो उस कार्य में जातक को सफलता मिलेगी। 

वृषभ व तुला -:

यदि शनि देव किस जातक की जन्म कुंडली में वर्षभ या तुला राशि में स्थित होते हैं तो वृषभ तुला राशि के स्वामी शुक्र बनते हैं हैं। शुक्र देव ऐसे जातकों को संगीत नृत्य अभिनय सौंदर्य प्रसाधन डिज़ाइनर आर्थिक  एजुकेशन विदेश गमन के क्षेत्र में सफलता मिलती है। क्योंकि यह सब शुक्र देव के कारकत्व क्षेत्र में आते हैं।


मिथुन व कन्या -:
इसी तरह से यदि मान लीजिए किसी जातक की जन्मकुंडली में शनिदेव मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित होते हैं। जातक को अपनी वाणी द्वारा कार्य जहां होता हो उस क्षेत्र में लेखन संबंधी कार्य अकाउंटेंट संबंधी कार्य डिजाइनर संबंधी कार्य विनर का बिजनेस संबंधी कार्य संगीत संबंधित क्षेत्र में अच्छी सफलता मिलती है क्योंकि मिथुन और कन्या के स्वामी बुध देव होते हैं और यह सभी कार्य बुद्धदेव के क्षेत्र में आते हैं।



धनु व मीन -:
यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में शनि देव धनु अथवा मद्रासी में विद्यमान होते हैं तो गुरु के कार्यकत्व से संबंधित क्षेत्र में यह  कैरियर बनता है क्योंकि धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति होते हैं। बृहस्पति से संबंधित कार्य के अंतर्गत  अध्यापन कार्य प्रशासनिक कार्य उपदेश करना लीडरशिप जैसे कार्यों में जातक को अच्छी सफलता मिलती है।



मकर व कुंभ -:
शनिदेव का किसी की जन्मकडली में मकर व कुंभ राशि में स्थित होना जातक को सनी से जुड़े हुए कार्यों में सफलता दिलाता है जैसे लोहे का कार्य तेल से संबंधित कार्य हार्ड वर्किंग का कार्य लेबर संबंधी कार्य मैट्रियल संबंधी कार्य अर्थात जहां पर शारीरिक बल की अत्यधिक आवश्यकता होती है ऐसे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।



कर्क -:
यदि शनि देव कर्क राशि में होते हैं तो चंद्रमा से संबंधित कार्य में सफलता मिलती है जैसे जल संबंधी कार्य कृषि कार्य औषधि से संबंधित कार्य में सफलता प्राप्त करने वाले होते हैं।



सिंह -'

शनिदेव का सिंह राशि में चला जाने से जातक को सूर्य संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त होती है जैसे प्रशासनिक कार्य फिजिकल कार्य लीडरशिप करना नेतागिरी करना अथवा ऊर्जा संबंधी कार्यों में भी जातक को सफलता प्राप्त होती है।



इस प्रकार साथियों! यद्यपि कैरियर से संबंधित फलादेश के ज्योतिष शास्त्र में अनेकानेक प्रकार की सूत्रों का वर्णन है तथापि महर्षि पाराशर ने यह गुप्त सूत्र मैत्रीय जी को दिया है जो बहुत ही सटीक है। आप भी अपनी जन्म कुंडली में इसे लगा कर देखने का प्रयास करें।



एस्ट्रोलॉजर आचार्य केके शास्त्री
 वेदिक ज्योतिष शोध संस्थान
 चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
 राजस्थान 9414 6572 45


आचार्य के के शास्त्री



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