16 अक्टूबर 2022 से मंगल मिथुन राशि में प्रवेशकर मचायेगा दंगल -:
नमस्कार साथियों!
मंगल अभी वर्षभ राशि में गोचर कर रहा है और 16 अक्टूबर 2022 से मंगल देव अपनी शत्रु राशि मिथुन में प्रवेश करेंगे। यहां मंगल गोचर करते हुए 30 अक्टूबर को अपनी शत्रु मिथुन राशि में वक्री होंगे। अतः अपनी शत्रु राशि में मंगल देव का वक्री होना बहुत ही खतरनाक परिणाम देने वाला होगा। इसके बाद 13 नवंबर 2022 को मंगल देव पुनः वर्षभ राशि में चले जाएंगे इसलिए 29 दिन का यह जो समय है। कुछ राशियों के लिए दुखद परिणाम देने वाला घर परिवार में कलह व दंगल मचाने वाला होगा।
वैसे अब की बार मंगल देव बहुत ही खतरनाक योग का रिकॉर्ड बना रहे हैं क्योंकि 196 दिन लगभग वृषभ व मिथुन राशि में गोचर रहेगा। जिसमें 91 दिन वृषभ राशि में स्लो गति से भ्रमण करेंगे। 13 नवंबर 2022 में मिथुन से वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 12 जनवरी 2023 को वृषभ राशि में मार्गी होंगे। इसके बाद 12 मार्च 2023 को पुनः मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद वह अपनी नीच कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे जो लगभग 10 मई तक रहेंगे। इस प्रकार 16 अक्टूबर से लेकर 10 मई तक का मंगल का गोचर अनेक प्रकार के तनाव व दुखद योग बनाने वाला होगा।
अतः साथियों आज हम विशेषकर उन 5 राशियों की चर्चा करेंगे जिनके लिए मंगल बहुत ही अशुभ परिणाम देने वाला होगा। तो आइए जानते हैं। वो कौन-कौन सी राशियां हैं जिनके लिए मंगल का यह गोचर बहुत ही अशुभ रहने वाला है। अतः वे जातक सावधान रहें और उचित उपाय करें।
मीन राशि -:
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल देव का यह गोचर अच्छा नहीं रहने वाला है क्योंकि मीन राशि से चौथे भाव में मंगल देव का गोचर रहेगा। अतः अपने शत्रु राशि में होने कारण वह हिंसक हो जाते हैं और आपके चतुर्थ भाव संबंधी घर परिवार मित्रता इत्यादि में काफी तनाव की स्थिति उत्पन्न करेगा। आपके दांपत्य जीवन जीवन में कलह व काफी तनाव उत्पन्न करने वाला होगा। अतः सावधान रहें, इसके लिए मंगल देव के बीज मंत्र का नित्य जाप करते रहिए साथ ही अपने राशिपति बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप करें अथवा पुखराज धारण करें। लाल व नीले कपड़ों से परहेज रखें।
धनु राशि -:
दूसरे नंबर की राशि के अंतर्गत धनु राशि आती है। धनु राशि से मंगल देव सप्तम भाव में गोचर करेंगे। अतः यहां आकर मंगल
आपके दांपत्य जीवन में कलह उत्पन्न करने वाले होंगे। क्योंकि मंगल देव धनु राशि वालों के लिए 12वे भाव के स्वामी होकर सप्तम भाव में शत्रु राशि में गोचर करेंगे तो आपके पारिवारिक जीवन में बहुत अधिक तनाव व दूरियां बढ़ाने वाले होंगे। और इस समय ऊपर से सप्तम भाव के कारक ग्रह शुक्र भी नीच अवस्था में रहेंगे। अतः मंगल देव की वस्तुओं का दान करें। मंगल देव के बीज मंत्र का जाप करें। मंगल देर से प्रार्थना करें कि वह आपके दांपत्य जीवन को सफल बनाएं। साथ ही साथ आप भगवान बृहस्पति का पुखराज धारण करें या बीज मंत्र का जाप करके उनको बलवान बनाकर रखें।
वृश्चिक राशि -:
तीसरे नंबर की राशि वृश्चिक होती है। जहां मंगल देव बहुत अधिक दंगल मचाने वाले हैं क्योंकि वृश्चिक राशि से मंगल देव अष्टम भाव में गोचर करेंगे। अतः मंगल देव वृश्चिक राशि के स्वामी हो कर जब अष्टम भाव में शत्रु राशि में गोचर करेंगे तो यहां वह दरिद्र योग बनाते हैं। खुद के स्वास्थ्य में गिरावट तनाव की स्थिति उत्पन्न करते हैं साथ ही साथ अष्टम भाव में मांगलिक योग बना कर आपके दांपत्य जीवन को भी खराब कर रहे हैं। दांपत्य जीवन को लेकर के अच्छी स्थिति नहीं बन रही है क्योंकि हमारे विवाह के कारक ग्रह शुक्र पहले से नीच हो रहे हैं। मंगल देव के बीज मंत्र का जाप करें मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं साथ ही साथ बृहस्पति की नवी दृष्टि होने कारण बृहस्पति आपको बचा रहे हैं। इसलिए बृहस्पति की आराधना करे।
कर्क राशि -:
कर्क राशि से मंगल देव का गोचर 12वे भाव में होगा। यहां भी खतरनाक मांगलिक योग का निर्माण करेंगे क्योंकि मंगल देव की दृष्टि सप्तम भाव पर होगी। इसलिए आपके दांपत्य जीवन में कलह की स्थिति बन सकती है। अतः सावधान रहें, मंगल देव की आराधना करें। उनके बीज मंत्र का जाप करें।
मिथुन राशि -:
मिथुन राशि के लिए भी मंगल का गोचर बहुत ही हानिकारक होगा क्योंकि मंगल देव मिथुन राशि में बहुत ही हिंसक होकर के आपके स्वास्थ्य व आपके दांपत्य जीवन में कलह उत्पन्न करेंगे आप के गुस्से को बढ़ाने वाला होगा। अतः गुस्सा ना करें अन्यथा बहुत अधिक खतरनाक परिणाम आपको इसके भुगतने पड़ सकते हैं।अतः सावधान रहें। मंगल देव की आराधना करें मंगल देव के बीज मंत्र का जाप करें तथा पन्ना धारण करें।
इस प्रकार मिथुन कर्क वृश्चिक धनु और मीन राशि के जातकों के लिए मंगल देव का यह गोचर खतरनाक मांगलिक योग का निर्माण कर रहा हैं। अतः सावधान रहें सतर्क रहें।
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