लव मैरिज योग


 लव मैरिज योग -:


नमस्कार साथियों!
आज हम लव astrology के विषय को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं। आज की चर्चा का विषय है लव मैरिज योग को जन्मपत्रिका में कैसे अप्लाई करते हैं। प्रेम एक ऐसा तत्व होता है जिस को परिभाषित करना संभव ही नहीं है क्योंकि प्रेम तत्व को परिभाषित करना वेदों से भी परे है। तो आज हम जन्मपत्रिका के माध्यम से जातक के जीवन में प्रेम योग के बारे में अध्ययन करेंगे और जानेंगे की जातक का यह प्रेम विवाह में किस स्थिति में परिणित हो पाता है। तो आज की यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।


सामान्यतः जब हम किसी भी जातक की कुंडली देखते हैं तो उसमें जातक की प्रेम की स्थिति को जानने के लिए हमें मुख्य रूप से सबसे पहले लग्न को देखना चाहिए क्योंकि लग्न जातक होता है क्योंकि प्रेम करने वाला लग्न होगा। इसके बाद हमें चंद्रमा की स्थिति को देखना चाहिए क्योंकि चंद्रमा हमारा मन होता है और मन के द्वारा ही प्रेम किया जाता है। तीसरे नंबर पर हमें शुक्र की स्थिति को देखना चाहिए क्योंकि शुक्र प्रेम है शुक्र भोग है। इसके बाद हमें पत्रिका के पंचम भाव को देखना चाहिए क्योंकि पंचम भाव भावनाओं का भाव होता है और प्रेम भी एक भावना होती है। अतः पंचम भाव भी हमारे प्रेम की स्थिति को रिप्रेजेंट करेगा। इसके बाद चतुर्थ भाव को भी देखना चाहिए क्योंकि चतुर्थ भाव प्रेम में बाधा  को इंगित करेगा। इसके बाद आप सप्तम भाव को देखिए सप्तम भाव आपके विवाह को रिप्रेजेंट करता है। सप्तम भाव बताएगा कि आपका
लव मैरिज मैं प्रनीत हो पाएगा या नहीं।


इस प्रकार यदि जातक की जन्मकुंडली में चंद्रमा बलवान होना चाहिए यदि चंद्रमा बलवान हुआ तो ऐसा जातक सच्चे मन से  प्रेम करने वाला होता है। इसके बाद जातक की जन्मकुंडली में चंद्रमा के साथ-सथ शुक्र भी बलवान होना चाहिए। इसके बाद हम डायरेक्ट  पंचम भाव को देखेंगे। क्योंकि प्रेम संबंध को जाने के लिए सबसे मुख्य भाव पंचम भाव होता है जो हमारे लव प्रेम संबंधों को रिप्रेजेंट करता है। यदि पंचम भाव का स्वामी पंचम भाव में सप्तम भाव में नवम भाव में लग्न में व सेकंड भाव में विद्यमान हो साथ ही शुभ ग्रहों से युक्त दृष्ट हो डिग्री ज वाई भी अच्छा हो तो ऐसा जातक निश्चित रूप से लव मैरिज करने में सफल होता है। इसके विपरीत यदि पंचम भाव का स्वामी 6 8 12  भाव में विद्यमान हो तो जातक को लव मैरिज में धोखा ् मिलता है। 


किस प्रकार से हैं हम जातक के बर्थ चार्ट देख करके उसकी लव मैरिज की स्थिति को पता कर सकते हैं। अगली चर्चा में हम आपको बताएंगे कि आपकी लव मैरिज आगे चलकर सक्सेस होगी या अनसक्सेस अथवा विवाह के बाद आपके रिश्ते कैसे होंग?


क्योंकि हम देखते हैं कि लव मैरिज करने के बाद भी जातक जातिकाओ का रिश्ता स्थाई नहीं रह पाता है आगे चलकर रिश्ते भी टूट जाते हैं। अतः नेष्ट चर्सा में हम इसी विषय को लेकर के विस्तार से चर्चा करेंगे तब तक के लिए

 जय श्री राधे राधे


एस्ट्रो आचार्य केके शास्त्री 
वेदिक ज्योतिष संस्थान
 चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर रा
9414 65 7245


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