17 जनवरी 2023 से शनि का कुंभ राशि में गोचर खोलेंगे आपकी सफलता के कपाट पार्ट 1

 जनवरी 2023 से शनि का अपनी मूलत्रिकोण  कुंभ राशि में गोचर से खुलेंगे सफलता के राज  -:

नमस्कार मित्रों!
आज की चर्चा का विषय बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है और आज की हमारी चर्चा का विषय आपको टाइटल के माध्यम से पता लग ही गया होगा। जी हां आज हम जानेगे शनिदेव का कुंभ राशि में गोचर सभी लग्नों के जातकों के लिए कैसा रहने वाला है क्योंकि उनका यह गोचर बहुत ही महत्वपूर्ण है। शनि देव 17 जनवरी 2023 से अपनी मूल त्रिकोण की कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं और वहां पर यह आने वाले 2//साल तक रहेंगे। अतः शनिदेव का यह गोचर अलग-अलग जातकों के लिए अलग-अलग शुभ अशुभ परिणाम देने वाला होगा। आज हम लग्न के आधार पर जातक को के लिए शनिदेव के इस गोचर के चर्चा करने जा रहे हैं। चर्चा को प्रारंभ करें उससे पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि केवल गोचर को देखकर ही हम सही भविष्यवाणी नहीं कर सकते उसके लिए आपकी जन्मकुंडलीके अन्य ग्रहों की स्थिति ,
 अन्य ग्रहों का गोचर, आपकी महादशा अंतर्दशा का भी अवलोकन करना अनिवार्य होता है। मात्र गोचर देखकर हम सही फल नहीं कह सकते हैं जी हां यदि आपकी दशा अंतर्दशा व अन्य ग्रहों की स्थिति ठीक है तो आपके लिए जो यह भविष्यवाणी शत प्रतिशत सच होगी।


यहां हम लगन के आधार पर शनि के गोचर की चर्चा करेंगे क्योंकि गोचर राशि अर्थात चंद्र राशि के अनुसार अथवा लग्न चार्ट के आधार पर किया जाता है आज की जो चर्चा होगी वह लग्न चार्ट के आधार पर हम करने जा रहे हैं। अतः इसके लिए आपको अपना लग्न पता होना चाहिए।


१,मेष लग्न -:
मेष लग्न के जातकों के लिए शनि देव का यह गोचर एकादश भाव अर्थात लाभ भाव में होगा अतः मेष लग्न के जातकों के लिए गोचर बहुत ही लाभदायक होगा एक से अधिक स्रोतों से धन प्राप्ति का योग बनेगा। जातक को पर्याप्त मात्रा में धन की रनिंग करेगा। इस समय यदि जातक अपना किसी विशेष कार्य को प्रारंभ करना चाहता है तो  बेहतर अवसर प्राप्त होंगें। शनिदेव यहां से लगन को देखेंगे पंचम भाव को देखेंगे और अष्टम भाव को देखेंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रत्येक ग्रह केंद्र से अगले भाव में फ्यूचर की प्लानिंग को दर्शाता है। अतः शनि देव केंद्र के दशम से एकादश भाव में हैं और उनकी दृष्टि केंद्र के चतुर्थ से पंचम भाव पर केंद्र के सप्तम से अष्टम भाव पर है। अतः इस समय मेष लग्न के जातक को फ्यूचर की प्लानिंग  बनाकर प्रारंभ करने का यह शुभ समय है। अभी बृहस्पति का गोचर भी मीन राशि में मेष लग्न के जातकों के द्वादश भाव में चल रहा है तो वह भी इनके लिए काफी फायदेमंद रहेगा अतः यदि मेष लग्न के जातकों के लिए कोई जमीन जायदाद का विवाद चल रहा है तो उसके सुलझने के उम्मीद काफी बढ़ जाती है। कुल मिलाकर के मेष लग्न के लिए शनि देव का यह गोचर बहुत ही शुभ और लाभ प्राप्ति का रहेगा छात्रों को कंप्लीटीसन में सफलता प्रदान कराने वाला होगा।


१, वृषभ लग्न -:

वृषभ लग्न के जातकों के लिए शनि देव का गोचर दशम भाव में होगा। अतः इस दौरान वृषभ लग्न के जातकों को कैरियर के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। सामाजिक राजनीतिक प्रतिष्ठा में वृद्धिर्ती होगी। साथ ही भवन वाहन प्रॉपर्टी जायदाद के मामलों में रुकावट दूर होगी। न्यायिक क्षेत्र से जुड़े जातकों के लिए प्रमोशन  के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। शनि दशम भाव में बैठकर के तीसरी दृष्टि से द्वादश भाव को देखेंगे सप्तम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखेंगे और दशम दृष्टि से सप्तम भाव को देखेंगे। अतः वैसे तो वृषभ लग्न में योग कारक होते हैं फिर भी इनके नैशर्गीक गुण धर्म के आधार पर जातक को पारिवारिक सुखों में कमी आ सकती है। तीसरी दृष्टि से व्यय भाव को देखने कारण भागदौड़ बनी रह सकती है। घर से दूर रहना पड सकता है। किंतु अविवाहित जातकों के लिए विवाह के योग बनाएंगे तथा शनि से संबंधित जो क्षेत्र होते हैं जैसे ठेकेदारी लोहे का काम   न्याय क्षेत्र में जातकों को अच्छी सफलता दिलाएंगे।


मिथुन लग्न -:
मिथुन लग्न के जातकों  के लिए शनिदेव का यह गोचर नवम भाव में बनेगा। अतः यहां से शनि देव एकादश भाव को तीसरे भाव को और छठे भाव को देखेंगे। इसलिए यहां मिथुन लग्न के जातकों को भाग्योदय  करेंगे नई दिशा देंगे। अतः यदि जातक किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे तो उसमें शनिदेव अपना फुल सपोर्ट प्रदान करेंगे। इसलिए मिथुन लग्न के जातकों कोई इस समय प्लानिंग के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। यह समय उनके लिए अच्छा रहेगा  जो प्रमोशन की चाह रख रहे हैं स्थान परिवर्तन करना चाहते हैं। अपना कार्यक्षेत्र बदलना चाहते हैं। उसमें सफलता के अच्छे अवसर प्राप्त हो रहे हैं। जो छात्र कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए विशेष कर सफलता के अवसर प्राप्त होंगे। क्योंकि सनी की षष्ठम भाव पर दृष्टि होगी जो कि कंपटीशन को रिप्रेजेंट करती है। मिथुन लग्न के जातकों को इस समय अपनी तरफ से भरपूर मेहनत करके इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।


कर्क लग्न -:
कर्क लग्न के जातकों की  चार्ट में शनि देव सप्तम भाव व अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब उनका यह गोचर अष्टम भाव में होगा। इससे पहले उनके सप्तम भाव में गोचर चल रहा था जो कि पिछले तीन साल से उनके लगन पर दृष्टि डाल रहा था। शनि देव की दृष्टि लग्न से हटेगी जोकि कर्क लग्न के जातकों के लिए अच्छा होगा। क्योंकि लगन पर शनि की दृष्टि जात को  मानसिक परेशानियां प्रदान कर रही थी। अब इनका गोचर अष्टम भाव में होने से तीसरी दृष्टि से दशम भाव को सप्तम दृष्टि से सेकंड हाउस को व दशम दृष्टि से पंचम भाव को देखेंगे। अष्टम भाव का यह गोचर कर्क लग्न के उन जातकों के लिए अति बेहतर रहेगा जो अनुसंधान के क्षेत्र में
 शोध कार्य ठेकेदारी का कार्य आध्यात्मिक कार्य जेम्स स्टोन जैसे कार्य खदान के कार्य से जुड़ी हुऐ हैं। तथा दूसरा इनको अभी यदि अपने लेवल से छोटा कार्य मिलता है तो उनको कर लेना चाहिए क्योंकि यह छोटा सा कार्य आपको आगे जाकर के अच्छी सफलता देने वाला होग। संतान सुख की दृष्टि से कर्क लग्न के जातकों के लिए अच्छा समय है।

सिंह लग्न -:
सिंह लग्न के जातकों के चार्ट में शनि देव सप्तम भाव व छठे भाव के स्वामी होते हैं और उनका यह गोचर सप्तम भाव में होने वाला है यहां से वे नवम भाव लग्न भाव व चतुर्थ भाव पर दृष्टि डालेंगे। अतः सप्तम भाव का स्वामी सप्तम भाव में रहने के कारण उन जातकों के लिए विवाह के अच्छे अवसर प्राप्त हो रहे हैं जो विवाह के योग्य है या विवाह में विलंबता जिनकी बन रही थी। किंतु सिंह लग्न में शनि देव योगकारक नहीं होने कारण जब उनकी दृष्टि भाग्य भाव पर पड़ेगी तो भाग्य की कुछ विडंबना जातको के साथ  रह सकती है। अतः जातक को सतर्क रहने की आवश्यकता है। जातक को आलसी प्रकृति का बना सकते हैं। इस प्रकार प्रॉपर्टी बनाने के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे किंतु परिवार या कुटुंब के सदस्य के साथ कुछ मतभेद भी हो सकते हैं


कन्या लग्न -:
कर्क लग्न पत्रिका में शनि देव पंचम भाव व छठे भाव के स्वामी होते हैं और उनका यह गोचर अबकी बार छठे भाव में होने वाला है। छठे भाव के यह कारक होते हैं और यहां से वे अष्टम भाव द्वादश भाव व तीसरे भाव को देखेंगे। अर्थात सभी बुरे भाव पर नजर डालेंगे। कन्या लग्न के जातकों के लिए यह अच्छा होगा क्योंकि छठे भाव में बैठने से ऋण रोग दुर्घटना शत्रुता में कमी करेंगे। फिजूल कोर्ट कचहरी के खर्चों को रोकेंगे आपके स्ट्रगल को अच्छे कार्यों में लगाएंगे। अतः फिर भी आपको शनिदेव की बीज मंत्र का जाप करके शनि देव को पॉजिटिव करने के प्रयास करने चाहिए।


तो आज की चर्चा में इतना ही शेष लग्नो के बारे में जानेंगे अगले अंक में -------+


एस्ट्रो आचार्य केके शास्त्री 
वैदिक ज्योतिष संस्थान चौ
का बरवाड़ा सवाई माधोपुर
 राजस्थान 9414 6572 45



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