नपुंसक योग -:
ज्योतिष चर्चा के अंतर्गत आज एक ऐसे विशिष्ट कुयोग की चर्चा कर रहे हैं जिससे चलते दांपत्य जीवन में संतान हीनता बनी रहती है। जिसे नपुंसक योग कहा जाता है। इसी योग के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस यात्रा को आगे बढ़ाते हुए जानते हैं नपुंसक योग क्या होता है?
१, यदि लग्नेश अपनी नीच राशि में स्थित हो अथवा नीच राशिस्थ ग्रह से दृष्ट हो और सप्तम भाव का स्वामी छठे भाव में हो अथवा अस्त हो उस कंडीशन में जातक नपुंसक होता है।
२, पंचम भाव का स्वामी 6 8 12 में विद्यमान हो अथवा पंचम भाव के स्वामी की डिग्री कम हो अथवा पंचम भाव का स्वामी पाककृती दोष में आ रहा हो तो उस कंडीशन में संतान हीनता का योग बनता है।
३, पंचम भाव में पाप ग्रह अथवा मारक ग्रह स्थित हो उस कंडीशन में नपुंसक योग का निर्माण होता है।
४, पंचम भाव में बुध अथवा शनि विद्यमान हो उस कंडीशन में भी संतान हीनता का योग बनता है। जो एक तरह से नपुंसकता का पर्याय होता है।
५, यदि पंचम भाव में राहु अथवा केतु दोनों में से एक हो और अपनी शत्रु राशि में हो उस कंडीशन में संतान प्राप्ति में बाधा होती है।
६, इसी प्रकार यदि शुक्र 6 8 12 में विद्यमान उस कंडीशन में भी नपुंसकता का योग बनता है।
Astrologer aacharya k k Shastri
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