अमावस्या दोष

 सूर्य चंद्र की युति से बनने वाला अमावस्या दोष -;

नमस्कार मित्रों !
आज की ज्योतिष चर्च में हम एक विशेष योग की चर्चा करने जा रहे हैं जो की जन्म कुंडली में सूर्य चंद्रमा की युति से निर्मित होता है। जिसे अमावस्या दोष का जाता है। यह दोष विशेषकर जैसा कि नाम से ही विदित होता है। जब जातक का जन्म अमावस्या के आसपास होता है। उस स्थिति में बनता है। जैसे कि अमावस्या के आसपास सूर्य और चंद्रमा बहुत ही नजदीक आ जाते हैं। उस दशा में सूर्य चंद्रमा को पूरी तरह से अस्त कर देता है। और यह स्थिति अमावस्या के बिल्कुल नजदीक की तिथियों में होता है। और उसी स्थिति में जब जातक का जन्म होता है तो उनके जन्म चार्ट में चंद्रमा और सूर्य एक ही हाउस में बहुत नजदीक होते हैं। अतः जिस प्रकार अमावस्या के आसपास चंद्रमा सूर्य से पूरी तरह से पीड़ित होता है उसी प्रकार से चंद्रमा जब जन्म कुंडली में सूर्य से पीड़ित हो ज्यादा है। तो उसे अमावस्या दोष कहां जाता है। और जिन जातकों  की जन्म कुंडली में अमावस्या दोष का निर्माण होता है। उस स्थिति में जातक का मन पूर्ण रूप से संतुष्टि प्रकृति का नहीं होता है। जातक का मन डिप्रेशन अवसाद एकाकीपन मेंटली प्रेशर मंदबुद्धि भावुकता ऐसी सिचुएशन में ज्यादा चला जाता है। क्योंकि चंद्रमा हमारे मन का कारक होता है और चंद्रमा का पीड़ित होना सीधा-सीधा हमारे मन को रिप्रेजेंट करता है। और जब मन पीड़ित होता है तो हमारी इंद्रियां भी शीथल हो जाती है क्योंकि मन इंद्रियों को कंट्रोल करता है। इसी प्रकार यह अमावस्या दोष जन्म कुंडली के जिस हाउस में बनता है उस हाउस के रिगार्डिंग पूरी तरह से नेगेटिव फल जातक को मिलते हैं या उन भाव से संबंधित फलों को लेकर संबंधित भाव के कारकत्व को लेकर  जातक डिप्रेशन का शिकार होता है। इस स्थिति में हमें चंद्रमा को बल देने का उचित उपाय करने चाहिए।

 चंद्रमा को पॉजिटिव करने के लिए हम निम्न उपाय कर सकते हैं। ---+++


 १,सबसे पहले यदि चंद्रमा अच्छे हाउस का लोड हो और योगकारक हो तो मोती स्टोन पहनना चाहिए।

२ इसके अलावा हम दो मुखी रुद्राक्ष भी पहन सकते हैं।

३, ॐ सोम सोमाय नमः इस मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करना चाहिए।


४, सोमवार के दिन भगवान शिव के ऊपर जल और दूध चढ़ाना चाहिए।


६, महामृत्युंजय की माला का वीजा पाप कर सकते हैं।

७, ओमकार मंत्र के साथ डैली 10 से 15 मिनट मेडिटेशन करना चाहिए।

८, व्यायाम और योगा भ करके आप अपने मन को प्रसन्न रख सकते हैं।


९, चांदी का कड़ा पहन सकते हैं।

१०, सफेद कपड़े अधिक से अधिक पहने।

११, गौ माता की सेवा करते रहना चाहिए।



एस्ट्रोलॉजर आचार्य केके शास्त्री
9414657245



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