मंगल द्वारा बनने वाले अशुभ योग

 मंगल ग्रह द्वारा बनने वाले अशुभ योग -:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को सेनापति ग्रह कहा गया है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है और मकर राशि में उच्च का और कर्क राशि में नीचे का बन जाता है। जन्म कुंडली में मंगल के योग जीवन की दशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुंडली में मंगल यदि योग कारक  स्थिति में होता है तो जातक को बहुत ही अच्छा शुभ लाभ प्रदान करता है। तो आज हम विशेष करके मंगल द्वारा बनने वाले उन शुभाशुभ योगों की चर्चा करेंगे जो कि जातक के लिए 
शुभाशुभ फल देने वाले होते हैं।


मंगल के अशुभ योग -;


१, अंगारक योग -;


 जन्म कुंडली में मंगल और राहु एक साथ विद्यमान हो तो अंगारक दोष का निर्माण होता है। और यह योग बहुत बड़ी दुर्घटना का कारण बनता है। इसके चलते लोगों को सर्जरी और रक्त से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अंगारक योग इंसान का स्वभाव बहुत ही नकारात्मक बना देता है। इस योग की वजह से परिवार के साथ रिश्ते बिगड़ने लगते हैं।



२, मंगल दोष -:

मंगल द्वारा बनने वाला दूसरा प्रमुक कू योग मंगल दोष होता है। यह इंसान के व्यक्तित्व और रिश्तो को बहुत ही नाजुक बना देता है। कुंडली के पहले चौथा सातवें और आठवें बारहवें स्थान में मंगल होता है तो जातक के मांगलिक दोष का निर्माण करता है। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मांगलिक कहा जाता है। कुंडली की स्थिति विवाह संबंधों के लिए बहुत ही संवेदनशील मानी जाती है। इसलिए शादी में इस दोष का बहुत ही अच्छे से विचार करना चाहिए।


३, नीच्च राशिस्मंथ मंगल दोष-:


मंगल का तीसरा प्रमुख दोष अपनी नीच राशि में स्थित होने से बनता है। यदि जिस जातक की जन्म कुंडली में मंगल कर्क राशि में स्थित होता है। तो वह उसकी नीच्च राशि होती है। जिस कारण से जातक को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस योग में आत्मविश्वास की कमी साहस की कमी खून की कमी परेशान बनती है। लेकिन यदि विपरीत राजयोग में नीच भंग बना रहा होता है तो जातक को डॉक्टर या सर्जन भी बनता है।


४, अग्नि योग-:

मंगल का एक अशुभ योग भी बहुत खतरनाक होता है। इसे शनि और मंगल की युति से बनने वाला अग्नि योग कहा जाता है। इस कारण इंसान की जिंदगी में बड़ी और जानलेवा घटनाओं का योग बनता है। ज्योतिष में शनि को हवा और मंगल को आग माना जाता है। जिनकी कुंडली में मंगल शनि की युति होती है। उन्हें हथियार हवाई हादसे बड़ी दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए ।

मंगल के शुभ योग -:

१, चंद्र मंगल लक्ष्मी योग -:


जिस जातक के जन्म कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक साथ विद्यमान होते हैं तो चंद्र मंगल लक्ष्मी योग का निर्माण होता है। जिस से जातक का भाग्य चमक उठता है और जातक अपने जीवन में निरंतर धन प्राप्ति करता रहता है।


२, रुचक पांच महापुरुष योग -:


जब मंगल बलवान होकर के मेष वृश्चिक या मकर राशि में हो तो रुचक नाम का पंच महापुरुष योग बनता है किंतु यह स्थिति 1,4,7 और 10 भाव में बनी चाहिए। इस योग से जातक भूस्वामी सेनापति प्रशासक जैसे बड़े पद की प्राप्ति करता है। इस योग वाले व्यक्ति को कमजोर और गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।




आचार्य केके शास्त्री

9414657275



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