उन्माद ( पागल) योग -:
१,यदि लग्न में सूर्य हो सप्तम भाव में मंगल हो तो मनुष्य उन्माद पागल प्रकृति का होता है।
२, लग्न या त्रिकोण में सूर्य और चंद्रमा हो गुरु तीसरे भाव में या केंद्र में हो धनु राशि का लग्न हो तो जातक निश्चय पागल होता है।
३, बुध और चंद्रमा केंद्र में हो तथा चंद्रमा नीच राशि में स्थित हो तो जातक अनुमादि प्रकृति का या मेंटली डिस्टर्ब रहता है।
४, सनी चंद्रमा और सूर्य केंद्र में स्थित हो तो वह जातक
मद्यपान करने वाला व नसे का आदी हो जाता है।
इस प्रकार जिस जातक की जन्म कुंडली में भी ऐसी स्थितियां बनती है वह जातक जीवन में उन्माद प्रकृति का होता है मेंटली मंदबुद्धि हो सकता है या नशे का आदि होकर के नशापन करने वाला बन जाता है।
एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री
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