संतान कन्सीव होने का योग

 स्त्री जन्म कुंडली से जाने संतान गर्भधारण का सही समय -:


नमस्कार मित्रों !
 आज की चर्चा में हम जानेंगे कि स्त्री जन्म कुंडली के द्वारा संतान कंसीव का कैसे हम सतीक  पूर्व अनुमान लगा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे सूत्र होते हैं। जिनको जब हम स्त्री  के चार्ट पर अप्लाई करते हैं और पता कर सकते हैं कि उनके लिए संतान कंसीव का समय कैसा रहेगा। आज के लेख में हम फल दीपिका में कहा गया एक सूत्र आपको बताते हैं। संतान कंसीव के लिए रितु स्राव पीरियड में चंद्रमा को देखना होता है।

१, जब किसी विवाहित स्त्री को मासिक धर्म प्रारंभ हो और उस समय उनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा प्रथम द्वितीय चौथे पांचवें सातवें आठवें और नवे  बारहवें भाव में हो और चंद्रमा पर मंगल की दृष्टि हो तो उसे महीने संतान कंसीव होने का योग बनता है। और यदि चंद्रमा इन स्थानों पर नहीं हो तो उसे महीने संतान कनवे नहीं हो पाती है।

२, इसी प्रकार यदि पुरुष की जन्म कुंडली में चंद्रमा 3, 6, 10, 11 भाव में हो और उस पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो संतान कंसीव योग बना देते हैं।


एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री


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