सूर्य चंद्र मंगल ग्रहो से रोग का विचार

 सूर्य चंद्र मंगल ग्रहों से रोग का विचार करना -:

आज की चर्चा में हम जन्म पत्रिका के माध्यम से रोग का विचार कैसे किया जाता है। इस विषय को लेकर के चर्चा करने जा रहे हैं। जन्मपत्रिका में पैसे रोग का विचार मुख्य रूप से 6 ,8 और 12 भाव से देखा जाता है। इसी प्रकार जो ग्रह छठे घर के मालिक के साथ हो उससे भी रोग का विचार कर सकते हैं। जो ग्रह छठू घर में हो आठवें में हो और 12वे घर में हो या छठे घर के स्वामी के साथ हो इन स्थितियों में इन ग्रहों से रोग का विचार किया जाता है। तो आज हम मुख्य रूप से सूर्य चंद्र और मंगल इन तीन ग्रहों से रोग का विचार करने के बारे में जानते हैं।


सूर्य -:


जब सूर्य रोग का कारण बनता है तो मुख्य रूप से जातक को पेट संबंधी बीमारियां आंखो से संबंधी बीमारियां हृदय से संबंधित बीमारी कफ से संबंधित प्रॉब्लम  हड्डियों से संबंधित प्रॉब्लम, मुख्य रूप से होती है। इसलिए इस समय सूर्य देव को पॉजिटिव करने के लिए नियमित उपाय करने चाहिए । उपाय के अंतर्गत सूर्य भगवान को रोजाना जल देना चाहिए सूर्य भगवान के मंत्र का जाप करना चाहिए आदित्य स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं और सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करके इनको डीएक्टिवेट कर सकते हैं।


चन्द्र -:


 चंद्रमा जब रोग का कारण बनता है तो जातक को मुख्य रूप से स्वास्थ्य संबंधी प्रॉब्लम में श्वेत रक्त कणीकाओ  से संबंधित प्रॉब्लम पीलिया नामक रोग का होना खून की कमी का होना नींद का ना आना या नींद का बहुत अधिक आना आलसी हो जाना मानसिक चिंता का बढ़ जाना फेफड़ों से संबंधित प्रॉब्लम का होना जुकाम  कैफ काशी की प्रॉब्लम बने रहना। ऐसी प्रॉब्लम ज्यादा होते हैं। जल  से भय लगना,। इस प्रकार चंद्रमा को ठीक करने के उपाय करने चाहिए इस स्थिति में और इसके लिए शिव भगवान की पूजा करें। चंद्रमा की बीज मंत्र का जाप करें। महामृत्युंजय का जाप कर सकते हैं या फिर दो मुख्य रुद्राक्ष पहनने और चंद्रमा से संबंधित तरल पदार्थ का दान करें।

मंगल -:

इसी क्रम में जब मंगल देव रोग के कारक होते हैं तो जातक को मुख्य रूप से खून से संबंधित प्रॉब्लम बन जाती है। छाती से संबंधित प्रॉब्लम होती है। रक्त संबंधी बीमारियां होने लगती है। यहां तक की जातक को फोड़ा फुंसी ऑपरेशन जैसे बीमारियों का सामना करना पड़ता है। आता ऐसी स्थिति में हमें मंगल देव को डीएक्टिव करके रखना चाहिए। जिसके लिए हनुमान जी की प्रार्थना करें हनुमान चालीसा का पाठ किया करें और मंगल से सम्लाबंधित लाल वस्तु का दान करें। तीन मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। मंगल के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।



एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री
9414657245




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