अष्टमेश का द्वादश भाव में शुभ अशुभ परिणाम

 अष्टमेश का जन्म पत्रिका के द्वादश भाव में  शुभ-अशुभ परिणाम -:

नमस्कार मित्रों

आज की परिचर्चा में हम जन्मपत्रिका के अष्टम भाव के स्वामी के विषय में चर्चा करेंगे।आज के इस चर्चा में हमअष्टम भाव के स्वामी का द्वादश भाव में शुभ अशुभ परिणाम के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं। तो लिए चर्चा को आगे बढ़ते हैं।
अष्टम भाव के स्वामी का विभिन्न भावों में स्थित होने पर जो शुभ-अशुभ परिणाम हो सकते हैं, वे निम्नलिखित हैं:

1. लग्न भाव में -




   शुभ:-  जातक दीर्घायु होता है। धन और सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
   अशुभ: - स्वास्थ्य में समस्याएँ हो सकती हैं। मानसिक तनाव और अस्थिरता बनी रह सकती है।

 2. द्वितीय भाव में: -:



   शुभ - अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

   अशुभ - परिवार के साथ संबंधों में तनाव हो सकता है। वाणी में कटुता हो सकती है।

 3. तृतीय भाव  -:



   शुभ -  साहस और पराक्रम में वृद्धि होती है। छोटे भाई-बहनों से लाभ होता है।

   अशुभ - साहसिक कार्यों में हानि हो सकती है। दुर्घटना या चोट का भय हो सकता है।

 4. चतुर्थ भाव में -:


   - शुभ: संपत्ति और भूमि से लाभ हो सकता है। घर में सुख-शांति बनी रहती है।
   - अशुभ: माता के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है। घरेलू जीवन में अस्थिरता हो सकती है।

5. पंचम भाव में -:

   - शुभ: शिक्षा और संतान से लाभ होता है। गुप्त विद्या में रुचि बढ़ती है।
   - अशुभ: संतान से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। प्रेम संबंधों में बाधा आ सकती है।

 6. षष्ठ भाव में -:



   - शुभ: शत्रुओं पर विजय मिलती है। रोग और ऋण से मुक्ति मिलती है।
   - अशुभ: स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। तनाव और विवाद बढ़ सकते हैं।

7. सप्तम भाव में -

   - शुभ: जीवनसाथी से लाभ होता है। साझेदारी के कार्यों में सफलता मिलती है।
   - अशुभ: वैवाहिक जीवन में समस्याएँ हो सकती हैं। साझेदारी में हानि हो सकती है।

8. अष्टम भाव में -:



   - शुभ: गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है। रहस्यमय विषयों में रुचि बढ़ती है।
   - अशुभ: लंबी बीमारियाँ हो सकती हैं। दीर्घकालिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

 9. नवम भाव में -:



   - शुभ: भाग्य का साथ मिलता है। धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
   - अशुभ: भाग्य में अवरोध हो सकता है। पिता के साथ संबंधों में तनाव हो सकता है।

 10. दशम भाव में -:



   - शुभ: करियर में उन्नति होती है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
   - अशुभ: कार्यस्थल पर समस्याएँ हो सकती हैं। सरकारी मामलों में अड़चनें आ सकती हैं।

11. एकादश भाव में -:



   - शुभ: आकस्मिक लाभ की संभावना होती है। मित्रों से सहयोग प्राप्त होता है।
   - अशुभ: आकस्मिक हानि का भय हो सकता है। इच्छाओं की पूर्ति में विलंब हो सकता है।

12. द्वादश भाव में &-:



   - शुभ: गुप्त साधनाओं में सफलता मिलती है। विदेश से लाभ होता है।
   - अशुभ: व्यर्थ के खर्च बढ़ सकते हैं। शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकते हैं।

यह शुभ-अशुभ परिणाम कुंडली में स्थित अन्य ग्रहों, उनकी दृष्टियों, और दशाओं के आधार पर भी प्रभावित हो सकते हैं।


आचार्य के के शास्त्री
9414657245


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