शेयर मार्केट से लाभ प्राप्तिक योग -:
ज्योतिष शास्त्र में शेयर मार्केट में धन प्राप्ति के योग का अध्ययन जन्म कुंडली के विभिन्न भावों, ग्रहों की स्थिति, और दशा-अंतरदशा के आधार पर किया जाता है। शेयर मार्केट से धन प्राप्ति के मुख्य योग निम्नलिखित होते हैं:
1. द्वितीय और एकादश भाव का संबंध:
द्वितीय भाव धन और संपत्ति का भाव है, जबकि एकादश भाव लाभ और आय का संकेत करता है। यदि इन भावों के स्वामी शुभ ग्रहों के प्रभाव में हों और आपस में कोई संबंध बनाते हों, तो व्यक्ति को शेयर मार्केट से लाभ मिलने की संभावना होती है।
2. पंचम भाव -:
पंचम भाव सट्टा, निवेश, और जोखिमपूर्ण कार्यों का भाव होता है। यदि पंचम भाव का स्वामी या पंचम भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो, तो शेयर मार्केट में निवेश से लाभ के योग बनते हैं। विशेष रूप से, गुरु या शुक्र की शुभ दृष्टि से शेयर बाजार में लाभ हो सकता है।
3. नवम और दशम भाव का सहयोग -:
नवम भाव भाग्य और दशम भाव कार्यक्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि इन भावों में शुभ ग्रह स्थित हों या इनके स्वामी मजबूत हों, तो व्यक्ति को शेयर मार्केट में भाग्य का साथ मिलता है।
4. राहु और शेयर बाजार -:
राहु शेयर बाजार, सट्टेबाजी, और आधुनिक तकनीक से जुड़े कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि राहु पंचम या ग्यारहवें भाव में हो और शुभ ग्रहों के साथ हो, तो शेयर मार्केट से धन कमाने की संभावना रहती है। लेकिन राहु की स्थिति पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि राहु का नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है।
5. शुक्र और बुध -:
शुक्र धन और विलासिता का ग्रह है, जबकि बुध व्यापार और बुद्धिमत्ता का ग्रह है। यदि शुक्र और बुध की स्थिति कुंडली में अच्छी हो, तो व्यक्ति शेयर मार्केट में सही निर्णय लेने में सक्षम होता है और इससे लाभ हो सकता है।
6. ग्रहों की दशा और अंतरदशा -:
व्यक्ति की दशा और अंतरदशा भी शेयर मार्केट में सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विशेषकर गुरु, शुक्र, बुध, और राहु की दशाएं शेयर मार्केट में लाभ के संकेत देती हैं।
इन योगों के अलावा, शेयर बाजार में सफलता व्यक्ति के मेहनत, ज्ञान, और सही समय पर लिए गए निर्णयों पर भी निर्भर करती है। कुंडली के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव और बाजार का अध्ययन भी जरूरी होता है।
आचार्य के के शास्त्री
9414657245
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