क्या करेंगे आप अपने करियर लाइफ में बिजनेस या जौब



करियर लाइफ में किस सेक्टर में आपको मिलेगा सक्सेस -:


जन्मपत्रिका में किसी व्यक्ति के जीवन में बिजनेस (व्यवसाय) या जॉब (नौकरी) के योग देखने के लिए कुछ प्रमुख ग्रहों, भावों और उनके संबंधों का विश्लेषण किया जाता है। आइए जानते हैं कि बिजनेस और जॉब के योग किन मुख्य कारकों पर निर्भर करते हैं:

1. व्यवसाय के योग

व्यवसाय (बिजनेस) के योग मुख्य रूप से जन्मपत्रिका में दूसरे, सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव तथा उनके स्वामियों पर आधारित होते हैं।

सातवाँ भाव: व्यापार का मुख्य भाव है। यदि यह भाव और इसका स्वामी मजबूत और लाभकारी ग्रहों से प्रभावित हो, तो व्यक्ति में व्यवसाय के प्रति रुचि और सफलता प्राप्त करने की संभावना होती है।

दूसरा भाव: यह धन और संपत्ति का भाव है। दूसरा भाव मजबूत और शुभ ग्रहों से प्रभावित हो तो व्यक्ति के पास धन की अच्छी संभावनाएँ होती हैं, जो व्यवसाय में सहायक होती हैं।

दसवाँ भाव: यह कर्म भाव है और व्यक्ति के कार्यक्षेत्र और करियर को दर्शाता है। दसवें भाव का स्वामी और इसमें स्थित ग्रह व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

ग्यारहवाँ भाव: आय का भाव है। यदि ग्यारहवाँ भाव और इसका स्वामी अच्छे ग्रहों से प्रभावित हों, तो व्यक्ति को व्यवसाय से अच्छा लाभ प्राप्त होता है।


> ग्रहों का महत्व: बुध, शुक्र और मंगल का मजबूत होना भी व्यवसाय में सफलता के लिए आवश्यक माना जाता है। बुध व्यापार के बुद्धिमान निर्णयों को, शुक्र लग्जरी और क्लाइंट आकर्षण को, और मंगल उर्जा व साहस को दर्शाता है।



2. नौकरी के योग

नौकरी (जॉब) के योग मुख्य रूप से छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव से देखे जाते हैं।

छठा भाव: यह नौकरी का भाव माना जाता है, जो शत्रुओं और प्रतिस्पर्धा का भी प्रतीक है। यदि छठा भाव और उसका स्वामी मजबूत हो, तो व्यक्ति नौकरी में सफलता प्राप्त करता है और स्थायित्व की संभावना अधिक होती है।

दसवाँ भाव: नौकरी के क्षेत्र में पद-प्रतिष्ठा और प्रमोशन की संभावनाओं को दर्शाता है। यदि दसवाँ भाव मजबूत और शुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो व्यक्ति का करियर उन्नति की ओर अग्रसर होता है।

ग्यारहवाँ भाव: नौकरी से होने वाली आय का भाव है। ग्यारहवें भाव का मजबूत होना व्यक्ति को नौकरी में अच्छी आय और लाभ प्रदान करता है।


> ग्रहों का प्रभाव: शनि, सूर्य और मंगल नौकरी के क्षेत्र में विशेष भूमिका निभाते हैं। शनि नौकरी में स्थिरता और अनुशासन को, सूर्य पद-प्रतिष्ठा को, और मंगल साहस एवं प्रतिस्पर्धा में जीत को दर्शाता है।



3. दशा और गोचर

व्यक्ति की कुंडली में चल रही दशा और गोचर भी व्यवसाय या नौकरी में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यदि संबंधित भावों के स्वामियों की दशा चल रही हो और शुभ ग्रहों का गोचर हो, तो व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।

इन भावों और ग्रहों का सम्यक् रूप से विश्लेषण करने पर यह निश्चित किया जा सकता है कि व्यक्ति के लिए व्यवसाय अधिक अनुकूल है या नौकरी।


एस्ट्रो आचार्य के के शास्त्री 
,9414657245



Post a Comment

0 Comments