प्रेम संबंध में आने का समय

 

किसी व्यक्ति का रिलेशनशिप (प्रेम संबंध या विवाह) कब बनेगा, यह ज्योतिषीय दृष्टिकोण से निम्नलिखित तरीकों से जाना जा सकता है:

ज्योतिषीय उपाय – कुंडली विश्लेषण द्वारा

  1. सप्तम भाव  – यह भाव विवाह और पार्टनरशिप का कारक है। इस भाव के स्वामी और उसमें स्थित ग्रहों की स्थिति देखकर रिलेशनशिप बनने की संभावनाएं जानी जाती हैं।

  2. पंचम भाव – प्रेम संबंधों का भाव है। यदि यह भाव मजबूत हो, तो प्रेम संबंध बनने की संभावना अधिक होती है।

  3. ग्रहों की दशा-अंतर्दशा – यदि शुक्र, बुध, पंचम या सप्तम भाव के स्वामी की दशा चल रही हो, तो प्रेम या रिलेशनशिप बनने की संभावना होती है।

  4. गोचर – गोचर में जब बृहस्पति, शुक्र या चंद्रमा पंचम या सप्तम भाव पर दृष्टि डालते हैं या वहाँ से गुजरते हैं, तो उस समय रिलेशनशिप बनने की संभावनाएं प्रबल होती हैं।

  5. चंद्र कुंडली  – कई बार लग्न कुंडली से नहीं, बल्कि चंद्र लग्न से यह संकेत मिलते हैं।

रिलेशनशिप बनने का संभावित समय जानने के लिए ज़रूरी विवरण:

  • जन्म तिथि 
  • जन्म समय
  • जन्म स्थान‌‌‌ 

चार्य कौशल कुमार शास्त्री 

9414657245



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