बृहस्पति होंगे 48 दिन के लिए उच्च

 बृहस्पति देव 48 दिन के लिए करेंगे अपनी उच्च राशि में गोचर -:


18 अक्टूबर 2025 को बृहस्पति (गुरु) कर्क राशि में उच्च के होकर प्रवेश करेंगे। उनका यह गोचर 5 दिसंबर तक कंप्लीट 48 दिन के लिए रहेगा। बृहस्पति का exalted होना बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि कर्क उनकी उच्च राशि है और यहां गुरु अपनी पूर्ण शक्ति (नीचभंग रहित उच्च स्थिति) में फल देते हैं।

ंअब जानते हैं इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर (सामान्य भविष्यफल, व्यक्तिगत कुंडली के ग्रह-स्थिति के अनुसार फल बदल सकते हैं।

 मेष राशि

  • पॉजिटिव: चौथे भाव में उच्च गुरु – गृह, वाहन, संपत्ति, सुख-सुविधाओं की प्राप्ति, परिवार में सौहार्द।
  • नेगेटिव: माता के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है, घरेलू खर्च अधिक बढ़ेंगे।

वृषभ राशि

  • पॉजिटिव: तीसरे भाव में उच्च गुरु – साहस, आत्मविश्वास, छोटे भाई-बहनों का सहयोग, यात्राओं से लाभ।
  • नेगेटिव: कार्यों में अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं, छोटी-छोटी बातों पर वाद-विवाद।

मिथुन राशि

  • पॉजिटिव: दूसरे भाव में उच्च गुरु – धन वृद्धि, वाणी मधुर होगी, परिवार में सुख।
  • नेगेटिव: आलस्य बढ़ सकता है, खान-पान में लापरवाही स्वास्थ्य को प्रभावित करेगी।

 कर्क राशि

  • पॉजिटिव: प्रथम भाव में उच्च गुरु – व्यक्तित्व में निखार, आत्मविश्वास, भाग्य वृद्धि, शिक्षा व करियर में तरक्की।
  • नेगेटिव: अहंकार से बचना होगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

सिंह राशि

  • पॉजिटिव: बारहवें भाव में उच्च गुरु – विदेश यात्रा, आध्यात्मिक उन्नति, परोपकारी कार्यों में मन।
  • नेगेटिव: खर्च अधिक, गुप्त शत्रु सक्रिय, नींद में कमी।

कन्या राशि

  • पॉजिटिव: ग्यारहवें भाव में उच्च गुरु – लाभ की प्रबल संभावना, नए मित्र, समाज में मान-सम्मान।
  • नेगेटिव: मित्रता में छल-कपट से सावधान रहें।

 तुला राशि

  • पॉजिटिव: दशम भाव में उच्च गुरु – करियर में उन्नति, उच्च पद, कार्यक्षेत्र में प्रतिष्ठा।
  • नेगेटिव: कार्य का बोझ बढ़ेगा, अधिकारियों से अनबन न हो।

वृश्चिक राशि

  • पॉजिटिव: नवम भाव में उच्च गुरु – भाग्य वृद्धि, धार्मिक यात्राएँ, उच्च शिक्षा में सफलता।
  • नेगेटिव: पिताजी के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है।

धनु राशि

  • पॉजिटिव: अष्टम भाव में उच्च गुरु – गूढ़ विद्याओं, रिसर्च, बीमा/उत्तराधिकार से लाभ।
  • नेगेटिव: स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव, मानसिक तनाव।

मकर राशि

  • पॉजिटिव: सप्तम भाव में उच्च गुरु – वैवाहिक जीवन में मधुरता, साझेदारी से लाभ, दाम्पत्य सुख।
  • नेगेटिव: जीवनसाथी की जिद या स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है।

कुंभ राशि

  • पॉजिटिव: छठे भाव में उच्च गुरु – शत्रुओं पर विजय, प्रतियोगिता में सफलता, ऋण से मुक्ति।
  • नेगेटिव: स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी परेशानी, काम में अधिक दबाव।

मीन राशि

  • पॉजिटिव: पंचम भाव में उच्च गुरु – संतान सुख, शिक्षा-प्रतियोगिता में सफलता, प्रेम संबंध मजबूत।
  • नेगेटिव: संतान के स्वास्थ्य की चिंता, प्रेम में गलतफहमी।

समग्र रूप से कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह गोचर विशेष रूप से शुभ और प्रगतिदायक रहेगा।


आचार्य कौशल कुमार शास्त्री 
9414657245



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